बुधवार, 2 नवंबर 2011

कविता में हिसाब एवं वनस्पति शास्त्र

कविता में हिसाब


कविता लिखा तो जाना
इसमें भी है भरा हिसाब
वर्ण मात्रा गिनते-गिनते
नींद  उड़ी  है सारी रात|
सत्रह  वर्णों  को गिनते
हाइकु  का बनता खाका
ज्यूँ ही  ये इकतीस बने
बन जाता  वह  ताँका|
ताँका  आगे बढ़ता जाए
होता   है   वह  चोका
तब जाकर भाव उतरता
अर्थ  आता  है  चोखा|
सोलह-सोलह गिन-गिन
बनाया   था   चौपाई
एक मात्रा खिसक गया
चौपाई  हाथ नहीं आई|
दोहा को जब आजमाया
बैठाया    तेरह-ग्यारह
वह  भी धोखा दे गया
हो गया नौ-दो-ग्यारह|
फिर भी कोशिश जारी है
लेखनी  अभी न हारी है
प्रेरणाएँ  बहुत  सारी  हैं
प्रोत्साहन की ही बारी है|
-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-
कविता में वनस्पति शास्त्र
ऐ पलाश और अमलतास
ओ प्यारे गुलमोहर
क्षमा कर दो तुम सब मुझे
सौन्दर्य तुम्हारा पहचाना नहीं
जब भी देखा मैंने तुम्हे
सिर्फ बौटनी ही याद आई
तुम्हाराकिंगडम फै़मिली जाना
जीनस स्पीशीज़ ही जान पाई
जब भी हरे पत्तों को देखा
फ़ोटोसिन्थेसिस याद आया
देख तुम्हारे पुष्पों को
झट इनफ्लोरेशेंस ढूँढने लगी
पेटल्स सेपल्सगिना
एपीकैलिक्स देखने लगी
साहित्योद्यान में ज्यों रखा कदम
महत्व तुम्हारा जान गई
कवियों के दिल की धड़कन थे
सर्वत्र सिर्फ तुम ही तुम थे
अब दिखता है मुझको भी
तुम सब कितने सुन्दर हो
क्षमा कर दो सब भूल तुम
लेखनी में मेरी आ बसो तुम|

ऋता शेखरमधु

13 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा हा हा
    हंसू नहीं तो क्या करूँ, इतने भोलेपन से कह गई हैं आप बातों को पहले वाले हिस्से में और दूसरे हिस्से के वनस्पतिशास्त्र को पढ़ कर मैं अचंभित होने के साथ साथ प्रसन्न भी हूँ।
    बधाई :)

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  2. बहुत खूब.
    कविता में botany .
    वाह...
    कविता की नयी सुगंध का स्वागत.

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  3. वाह वाह क्या खूब अन्दाज़ मे लिखी है कवितायें।

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  4. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच-687:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

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  5. सचमुच....:))
    यही जीवन का गणित है...
    अच्छा लेखन सादर बधाई...

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  6. बहुत सही कहा है.. ये उलझने तो होती हि रहती हैं पर मैंने आज तक कभी हिसाब नही लगाया... सीधा लिख दिया..जो शायरी सा लगा वो 'जज्बात' में जो कविता लगी वो 'स्वसंवाद' में और जो लेख आलेख रहा वो ' एक हि धुन जय जय भारत' में
    www.chandankrpgcil.blogspot.com
    www.dilkejajbat.blogspot.com
    www.ekhidhun.blogspot.com

    कभी इन्हें भी देखियेगा मार्गदर्शन कि अपेक्षा है|

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  7. बहुत ही सहज और सरल ढंग से
    कई विधाएं समझा दीं आपने
    वाह - वा !!

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  8. वाह!दोनों ही रचनाएँ एक से बढ़कर एक!

    Gyan Darpan
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  9. सुंदर रचनाएँ ...शब्द को उतरने के लिए प्रेरणा मिल ही जाती है......

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  10. आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  11. kavita ke maadhyam se haaiku , taanka, choka sab ka ganit samjhaa diya. aur vanaspati shaastra ke sath man ko jod diya. bahut sundar, badhai.

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  12. विज्ञानं का साहित्य संगम अच्छा लगा. बहुत शुभकामनायें.

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