रविवार, 13 मई 2012

थाम लिया जब सूर्य, हँसा था खूब सवेरा


''माँ'' - रोला छंद में

माँ, जब छूटी आस, सामने तुझको पाया
आँचल सर पे डाल,मुझे दी शीतल छाया
आई घनेरी रात, बनी  तू सम्बल  मेरा
थाम लिया जब सूर्य, हँसा था खूब सवेरा|

सुमधुर तेरा हास, सरल थीं तेरी बातें
सोती तेरी गोद,  चैन से कटती रातें
पाकर तुझसे धीर, हिमालय मैं बन जाती
काश कि तुझसे सीख,हलाहल मैं पी पाती|

माँ, आती तू याद, जाग मैं लोरी गाती
छूए मंद बयार, लगे तू ही  सहलाती
पाया जो संस्कार, वही डाला झोली में
बस इतनी सी चाह,टपके प्यार बोली में|

ऋता शेखर 'मधु'

''माँ'' - हाइकु में


माँ, तेरी सीख,
मेरी मुट्ठी में बंद,
खोने न देती|


तपती धूप,
हाथ थे पाँव तले,
आँचल- छाया|


सुख-दुख में,
जब जी घबराया,
तुम्हें ही पाया|


ऋता शेखर 'मधु'

10 टिप्‍पणियां:

  1. मातृ दिवस...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति....

    चार पंक्तियाँ माँ के सम्मान में ,...

    माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
    पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
    माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
    सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..

    MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर ऋता जी.....

    बहुत प्यारी रचना,
    सस्नेह.

    जवाब देंहटाएं
  3. सुमधुर तेरा हास, सरल थीं तेरी बातें
    सोती तेरी गोद, चैन से कटती रातें
    पाकर तुझसे धीर,मैं हिमालय बन जाती
    काश कि तुझसे सीख,मैं हलाहल पी पाती|

    बहुत सुंदर रचना .... छंदबद्ध रचना में माँ की हर खूबी को बांधा है ...

    जवाब देंहटाएं
  4. माँ शब्द के साथ मंद हवाएँ चलने लगती हैं ....
    सुख-दुख में,
    जब जी घबराया,
    तुम्हें ही पाया|

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत प्यारी सी प्रस्तुति ऋता !मातृ दिवस की शुभकामनाएं ...

    जवाब देंहटाएं
  6. इतनी प्यारी रचना हेतु बधाई ,आपको मातृत्व दिवस की शुभकामना |

    जवाब देंहटाएं
  7. माँ, आती तू याद, जाग मैं लोरी गाती
    छूए मंद बयार, लगे तुहि सहलाती
    पाया जो संस्कार, वही डाला झोली में
    बस इतनी सी चाह,प्यार टपके बोली मेंद्य

    मां है तो सब कुछ है, चाहे साक्षात या स्मृतियों में।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुख-दुख में,
    जब जी घबराया,
    तुम्हें ही पाया|

    Bahut Sunder.....

    जवाब देंहटाएं
  9. सुख-दुख में,
    जब जी घबराया,
    तुम्हें ही पाया!


    माँ तो बस माँ है, ईश्वर का इंसान को दिया गया सबसे अनमोल तोहफा... जिसके स्नेह की कहीं तुलना नहीं हो सकती...
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  10. सराहनीय प्रयासों के लिये साधुवाद

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है...कृपया इससे वंचित न करें...आभार !!!