मंगलवार, 27 मार्च 2018

गाँव की पगडंडी

गाँव की पगडंडी
खड़ी बोली/देशज बोली
हिंदी/मागधी
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बिहान* होते ही
खुश हो जाती
मेरे गाँव की पगडंडी

बैलों की जोड़ी देखकर
खेत की मोड़ी देखकर
हरियर दुब्बी* से खेलकर
खुश हो जाती
मेरे गाँव की पगडंडी

ननका ननकी* खेले डेंगा पानी*
घुप्पी* में पिलाएँ* गोली*
पिट्टो* खेल में ढेर* दौड़ाते
सुनकर प्यारी मगही* बोली
खुश हो जाती
मेरे गांव की पगडंडी

किसानों की मेहरारू* लातीं
अँचरा* में सत्तू और रोटी
उठती सोंधी सोंधी खुशबू
पायल की रुनझुन रुनझुन से
खुश हो जाती
मेरे गांव की पगडंडी

दलान* में दादी सुड़कती*
लोटा भरकर चाय
दादा जी खंखार* के रखते
घर के भीतर पाँव
लजाती नई बहुरिया*
खुश हो जाती
मेरे गांव की पगडंडी

पीपर* के फेरे लगते
अमा सोम जब होता
बड़* के पेड़ होते निहाल
बरसाइत* पूजा में
बेटी नथिया* पहनी गोर* रंगी
खुश हो जाती
मेरे गाँव की पगडंडी

इन्जोर*होते ही तुलसी पूजा
रोज साँझ को दिया बाती
गोबर से नीपल* अँगना
खन खन बाजे माइ के कंगना
देख पवित्तर* घर को
खुश हो जाती
मेरे गाँव की पगडंडी

रात में लड़कन* गिनें तरेंगन*
रट्टा मारें गिनती पहाड़े*
जीमें* थरिया *में
बेर बेर* मइया को पुकारे
घर की रौनक से
खुश हो जाती
मेरे गांव की पगडंडी
-ऋता


अर्थ-------
बिहान-सुबह
हरियर दुब्बी-हरी दूब
ननका ननकी-बेटा बेटी
डेंगा पानी-ेएक खेल का नाम
घुप्पी*(छेद) में पिलाएँ*(डालें गोली*(कंचे)
पिट्टो-सतोलिया
ढेर-बहुत
मेहरारू-औरत
अँचरा-आँचल
दलान-बैठका
सुड़कती-चुस्की लेकर पीना
खँखार-खाँसकर
बहुरिया-बहु
पीपर-पीपल
बड़-बरगद
बरसाइत पूजा-वट सावित्री पूजा
नथिया-नथ
गोर-पैर
इंजोर-उजाला
नीपल-लीपा हुआ
पवित्तर-पवित्र
लड़कन-बच्चे
तरेंगन-तारा
पहाड़े-टेबल अंग्रेजी में
जीमें-खायें
थरिया-थाली
बेर बेर-बार बार

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