tag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post7488242379684814749..comments2024-03-20T16:15:08.075+05:30Comments on मधुर गुँजन: आ, अब लौट चलें...ऋता शेखर 'मधु'http://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-21596471858372040892017-07-02T17:44:10.544+05:302017-07-02T17:44:10.544+05:30बिल्कुल सही लिखा है दी, ब्लॉग्स पर निष्क्रियता का ...बिल्कुल सही लिखा है दी, ब्लॉग्स पर निष्क्रियता का एक कारण शायद लोगों के कमेंट्स का अभाव होना भी है। फेसबुक पर तुरंत प्रतिक्रिया मिलती है, इसलिए उधर रुझान हो जाना स्वाभाविक था...। हम भी बहुत नियमित न भी सही, पर लिखते तो रहते ही थे ब्लॉग...अब उम्मीद है नियमितता भी आएगी...।प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-46008653679918556052017-07-01T15:08:18.683+05:302017-07-01T15:08:18.683+05:30 अन्तर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें ..... ... अन्तर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें ..... हिन्दी ब्लॉग दिवस का हैशटैग है #हिन्दी_ब्लॉगिंग .... पोस्ट लिखें या टिपण्णी , टैग अवश्य करें ......<br />संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-55475409334527299082017-07-01T14:37:55.695+05:302017-07-01T14:37:55.695+05:30बहुत सुन्दर पंक्ति ...फेसबुक एक चौराहा है और ब्लॉग...बहुत सुन्दर पंक्ति ...फेसबुक एक चौराहा है और ब्लॉग घर जैसा , सच है की ब्लॉग पर हम लम्बे अर्टिकल लिख सकते हैं जो वहां सुरक्षित रहते हैं | फेसबुक पर छोटी पोस्ट ही हित होती है , लंबी पोस्ट कोई नहीं पड़ता बाकी ज्यादातर लोग फेसबुक पर चैटिंग के उदेश्य से आते हैं | अगर कुछ गंभीर पढना या लिखना है तो चलो फिर से ब्लॉग की ओर लौट चले | ... अच्छा लेख Atoot bandhanhttps://www.blogger.com/profile/03159968183922673399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-45923975164242582382017-07-01T07:18:20.591+05:302017-07-01T07:18:20.591+05:30.
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आ, अब लौट चलें !
सचमुच।
....<br />.<br />.<br />आ, अब लौट चलें !<br /><br />सचमुच।<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-11780637966699130392017-06-30T22:27:18.872+05:302017-06-30T22:27:18.872+05:30एक दिन बुद्धत्व जैसा कुछ ज्ञान मिला तब लगा कि फेसब...एक दिन बुद्धत्व जैसा कुछ ज्ञान मिला तब लगा कि फेसबुक चौराहा है और ब्लॉग सुरक्षित घर जैसा |<br />फेस बुक पर तो मैं नियमित कभी रही नहीं.एक दो बार कोशिश की कि अधिक से अधिक ब्लॉग पढ़े जाएँ . ब्लॉग से दूरी होने पर लिखना तो जैसे छुट सा ही गया है ... सटीक आंकलन किया है ...काश ये आह्वान कुछ रौनक लौटा लाये ... आमीन . संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com