tag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post7603263325956109002..comments2024-03-20T16:15:08.075+05:30Comments on मधुर गुँजन: परी देश की शहज़ादीऋता शेखर 'मधु'http://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-8988686436397126812014-09-22T23:57:37.426+05:302014-09-22T23:57:37.426+05:30अरमानो को हकीकत का ओढना उढा कर पुख्ता कर देती है ...अरमानो को हकीकत का ओढना उढा कर पुख्ता कर देती है जिंदगी...चाहे वो औरत हो या मर्द...,भावपुर्ण रचना दीदीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09160978051845953553noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-9164842331247861522012-04-17T07:27:17.856+05:302012-04-17T07:27:17.856+05:30सुखी ग्रहणी हो तो अच्छी बात है.
सूखी हो तो चिंता क...सुखी ग्रहणी हो तो अच्छी बात है.<br />सूखी हो तो चिंता की बात है.<br /><br />जीवन एक सरिता की तरह <br />आगे बढ़ता रहता है. जिस में प्रचुर जल <br />गतिमान होना चाहिए.गंतव्य यदि <br />आनन्द सागर परमात्मा हो <br />तो सुख ही सुख है जी.<br /><br />सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए आभारRakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-58415862398108500762012-04-16T05:03:25.658+05:302012-04-16T05:03:25.658+05:30आदरणीय राजेन्द्र सर,
मुझे बहुत खुशी हुई कि आपने व...आदरणीय राजेन्द्र सर,<br /><br />मुझे बहुत खुशी हुई कि आपने वही लिखा जो आपको लगा|सर, सभी बातें सभी जगह लागू नहीं होतीं|<br />टिप्पणी में सिर्फ वाहवाही लिखी जाए इससे मैं भी सहमत नहीं हूँ|आपके प्रोत्साहन भरे कमेन्ट्स भी पहले मिल चुके हैं...फिर इस टिप्पणी से मैं क्यों नाराज हो जाऊँगी?<br />बस एक बात कहना चाहती हूँ...इसे मैंने <b>चलन </b> के तहत नहीं लिखा है,जो खुद में और आस पास में महसूस किया है वही लिखा है|<br /><br />सादरऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-47258977494629681172012-04-15T22:30:14.449+05:302012-04-15T22:30:14.449+05:30♥
ऋता शेखर मधु जी
सस्नेहाभिवादन !
भावुकता...<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />♥</a></b><br /><br /><b> </b><br /><br /><b><i> ऋता शेखर मधु जी </i></b> <br />सस्नेहाभिवादन !<br /><br />भावुकता में बह कर लिखी रचना प्रतीत होती है । कवि-हृदय भावुक होता भी है !<br /><br /><b>परी देश की शहज़ादी </b> का हमेशा हर कहीं तो करुण अंज़ाम नहीं होता…<br />पूरी तरह सुखी, संतुष्ट और खुश कौन है आज ?<br /> इस तरह की कविताएं लिखने का सुखी और साधन-संपन्न कवयित्रियों में चलन अवश्य देखा है … <b>ऋता शेखर मधु जी </b><br />आप मेरी बात से कृपया, नाराज़ न हो जाएं …<br /><br /> छल-कपट मेरी प्रकृति-प्रवृति में नहीं तो छद्म भी नहीं , जैसा लगा कह दिया है … बस !<br /><br /><b>शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित… </b> <br />-राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-66470293259011152662012-04-15T15:59:52.724+05:302012-04-15T15:59:52.724+05:30beautiful... :)beautiful... :)Noopurhttps://www.blogger.com/profile/09659666226774376374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-49493515570567714722012-04-15T14:04:33.577+05:302012-04-15T14:04:33.577+05:30नारी की बदलती भूमिका को शब्द देती सुंदर कविता।नारी की बदलती भूमिका को शब्द देती सुंदर कविता।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-88910822490622935632012-04-13T16:41:40.312+05:302012-04-13T16:41:40.312+05:30अब भी वह सुंदर लगती थी
पर सोन तीलियों से टकरा-टकरा...अब भी वह सुंदर लगती थी<br />पर सोन तीलियों से टकरा-टकरा<br />पंख टूट गए थे उसके<br />अरमानों के चीथड़े चुनती<br />अब वह सुखी गृहिणी थी|<br />सुन्दर अभिव्यक्ति,शुभकामनायेvikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-4737874691068243362012-04-13T16:24:17.103+05:302012-04-13T16:24:17.103+05:30अपनी बच्ची के आंसू और घुटन महसूस होते हैं मगर दूसर...अपनी बच्ची के आंसू और घुटन महसूस होते हैं मगर दूसरों की बच्ची के आंसू हमें अपने नहीं लगते, २० साल बाद इसी गैर बच्ची(नव वधु) से, जो उस समय, घर की शासक होती है, हम प्यार और सहारे की उम्मीद करते हैं !<br /><br /><br />हमें अपने घर में विरोध करना आना चाहिए ....Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-35527614897824215372012-04-13T09:59:53.062+05:302012-04-13T09:59:53.062+05:30सही कहा ! हर परी देश से आई शहजदियो का शादि के बाद...सही कहा ! हर परी देश से आई शहजदियो का शादि के बाद यही हाल होते देखा है.....बहुत सटीक प्रस्तुति..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-81686925532761179162012-04-13T07:46:03.183+05:302012-04-13T07:46:03.183+05:30तान नहीं,
ताने सुन-सुन कर
स्वर में अब खामोशी थी
त...तान नहीं,<br />ताने सुन-सुन कर<br />स्वर में अब खामोशी थी<br /><br />तान और ताने -शब्दों का प्रभावी प्रयोग, वाहअरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-4126977099503472082012-04-12T22:59:41.069+05:302012-04-12T22:59:41.069+05:30अब भी वह सुंदर लगती थी
पर सोन तीलियों से टकरा-टकरा...अब भी वह सुंदर लगती थी<br />पर सोन तीलियों से टकरा-टकरा<br />पंख टूट गए थे उसके<br />अरमानों के चीथड़े चुनती<br />अब वह सुखी गृहिणी थी|<br /><br />Waah.... Sab Kuchh Sametti Panktiyan डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-82406145507692841912012-04-12T21:55:16.855+05:302012-04-12T21:55:16.855+05:30बहुत ही सुंदर भावाव्यक्ति बधाईबहुत ही सुंदर भावाव्यक्ति बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-89440020246488937752012-04-12T16:49:14.718+05:302012-04-12T16:49:14.718+05:30बहुत सुंदर चित्रण...............
काफी हद तक सही भ...बहुत सुंदर चित्रण...............<br /> काफी हद तक सही भी ..............ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-24897910187181856322012-04-12T14:09:41.624+05:302012-04-12T14:09:41.624+05:30sundar panktiyaansundar panktiyaanआशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-38235693390815255572012-04-12T13:58:36.007+05:302012-04-12T13:58:36.007+05:30बहुत खूब....
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँस...बहुत खूब....<br />MY RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/blog-post_11.html#comment-form" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-69961206939026335812012-04-12T13:44:25.436+05:302012-04-12T13:44:25.436+05:30अरमानों के चीथड़े और सूखी गृहणी ! ....अरमानों के चीथड़े और सूखी गृहणी ! ....रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-83224700587804194132012-04-12T13:40:01.518+05:302012-04-12T13:40:01.518+05:30उसकेअरमानों के चिथड़े चुनतीअब वह सुखी गृहिणी थी|
ब...उसकेअरमानों के चिथड़े चुनतीअब वह सुखी गृहिणी थी|<br />बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,<br /><br />MY RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/blog-post_11.html#comment-form" rel="nofollow">...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com