tag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post1060102236606124269..comments2024-03-20T16:15:08.075+05:30Comments on मधुर गुँजन: बिसात जीवन कीऋता शेखर 'मधु'http://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-23013734380254099282018-01-19T19:07:58.779+05:302018-01-19T19:07:58.779+05:30सुन्दर रचनासुन्दर रचनासुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-31092018157857713172018-01-14T22:15:36.038+05:302018-01-14T22:15:36.038+05:30निमंत्रण पत्र :
मंज़िलें और भी हैं ,
आवश्यकता है के...निमंत्रण पत्र :<br />मंज़िलें और भी हैं ,<br />आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं। <br />ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br />'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-26121376117445553962018-01-14T20:21:20.080+05:302018-01-14T20:21:20.080+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (15...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (15-01-2018) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in//" rel="nofollow"> "डोर पर लहराती पतंगें" (चर्चा अंक-2849)) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हर्षोंल्लास के पर्व लोहड़ी और मकर संक्रान्ति की<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />राधातिवारी (राधेश्याम)radha tiwari( radhegopal)https://www.blogger.com/profile/09630389878761098417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2941487212104792364.post-53933368383908868912018-01-14T18:36:30.082+05:302018-01-14T18:36:30.082+05:30कमाल की रचना ऋता जी
ऐ जिंदगी,
छलिया बन तूने
हम सब...कमाल की रचना ऋता जी<br />ऐ जिंदगी, <br />छलिया बन तूने<br />हम सबको है नाच नचाया<br />बाँध के धागे भाव पगे<br />तूने सबसे रास रचाया.....पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.com