भगतसिंह (२३ मार्च पर विशेष)
आज़ाद भारत की कहानी
लिखी जिसने देकर कुर्बानी
परतंत्रता की बेड़ी को तोड़
किया जनमानस को उद्वेलित
वह शूरवीर बलिदानी था
नाम था उसका भगतसिंह
साथ सुखदेव राजगुरु के
ब्रिटिश शासन को ललकार दिया
हँसते हँसते फाँसी का फंदा
गले में वरमाला सा डाल लिया|
ऋता शेखर 'मधु'
तथ्य पूरक |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंना भूलें उनकी कुर्बानी...
शत शत नमन...
सस्नेह.
देश के वीर बाकुँरो को शत-शत नमन..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..शहीदों को नमन..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,......
जवाब देंहटाएंmy resent post
काव्यान्जलि ...: अभिनन्दन पत्र............ ५० वीं पोस्ट.
शत शत नमन..बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंलेकिन आज कितने लोग इन्हें याद करते हैं, ये देख बहुत दुःख होता है और गुस्सा भी आता है!!
मैं तो बहुत ज्यादा प्रभावित रहता हूँ इनके विचारों से!!