गुलाब के फूल बागों में खिल रहे
चमेली के फूल चमन में चमक रहे
कमल के फूल जल में विचर रहे
बेली के फूल उपवन में बहक रहे
गुल्लड़ के फूल दिख नहीं रहे
गोभी के फूल उद्दान में चहक रहे
अप्रील के 'फ़ूल' यह पोस्ट पढ़ रहेः)))
अरे रे! बुरा न मानें...अन्तर्राष्ट्रीय मूर्ख दिवस की बधाई!!!
आए हैं तो अपनी उपस्थिति भी दर्ज कर दीजिए...टिप्पणी बॉक्स मेंः)))
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंपहला फ़ूल बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ|
मुझे बधाई|
मैनें बुरा नहीं माना...आपको भी मूर्ख बनाने के लिए एवं अन्तर्राष्ट्रीय मूर्ख दिवस की बधाई!!!
लीजिए, आपका दूसरा शिकार !!!!!!
जवाब देंहटाएंअब आ गए हैं तो टिपियाना ही पड़ेगा।
बधाई एवं शुभकामनाएं।
रामनवमी और मूर्खदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंकल 02/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
:) achhi rahi
जवाब देंहटाएंइतने सारे फूलों के बीच मैं भी एक फूल बनी...हाहा हाहा
जवाब देंहटाएंHAPPY APRIL FOOL:)
मैं भी एक फूल.. मुझे बधाई और आपको... मूर्ख बनाने के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंहा हा हा ... आज तो आपने बना ही दिया ...
जवाब देंहटाएंअरे वाह: सब फू्ल ही फूल...बहुत खूब..फूल बना दिया..
जवाब देंहटाएंखूब कहा ..! वैसे आपके ब्लॉग पर पहली बार आना हुआ .... मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंवाह!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंकिस्मत देखिये हमारी...............
बच गए कल पढ़ने से............
आज पढ़ने वाला ज़रा कम मूर्ख कहलायेगा ना ऋता जी??????
:-)
सस्नेह
अनु
चलिए सुन्दर फुल तो बन गए :)
जवाब देंहटाएंवाह :)
जवाब देंहटाएंआंटी मैं तो अप्रैल की फ़ूल (fool) बनने से बच गई क्योंकि मैंने आपकी यह पोस्ट पहली अप्रैल को देखी ही नही.....:)
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने और पसंद करने के लिए आपको बहुत सारा थैंक्यू.....और हाँ मैं तो किसी को भी मूर्ख नहीं बना पाई पर औरों ने मुझे बहुत बार फ़ूल बनाया:(
आंटी मैं तो अप्रैल की फ़ूल (fool) बनने से बच गई क्योंकि मैंने आपकी यह पोस्ट पहली अप्रैल को देखी ही नही.....:)
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने और पसंद करने के लिए आपको बहुत सारा थैंक्यू.....और हाँ मैं तो किसी को भी मूर्ख नहीं बना पाई पर औरों ने मुझे बहुत बार फ़ूल बनाया:(
maan gaye aapko ........
जवाब देंहटाएंkya bat....bahut khoob
जवाब देंहटाएंअरे फूल ,,,,आप को मुबारक हो... फूल सी चमकती रहें हंस दें घर आंगन उपवन में फूलों सी बहकती रहें ह हा
जवाब देंहटाएंजय श्री राधे ...खूबसूरत अंदाज आप का आनंद आया
भ्रमर ५
हा हा..लेकिन हम अप्रैल के फूल नहीं बने...;)
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