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सोमवार, 20 अगस्त 2012

ईद मुबारक



ईद और उम्मीद जगी रहे
कुछ तो ऐसा आह्वान करें
सुनो सुनो ऐ दुनियावालो
हम ईश्वर- अल्लाह के बन्दे हैं
सब मिलजुल कर रहेंगे जब
देश हमारा स्वर्ग बनेगा
ना कोई हिन्दु- मुसलमाँ होगा
सब इंसान बन जाएँगे|


उसका दुख हमारा होगा
खुशी भी संग मनाएँगे
होली मनाएं दीप जलाएं
ईद में सब गले मिलें
अपना भारत ऐसा हो
जहाँ प्यार- सद्भाव पले
खूबसूरत इक जहाँ बनेगा
कदम से कदम मिलाएंगे|

बाजार एक है एक सामान
सेवई एक और एक मिष्टान्न
रंग बिरंगे कपड़े भी एक
पर्व भले ही अलग अलग हों
खुशियों के हैं रंग समान
उर्दू बोलें या बोलें हिन्दी
हँसते तो हैं एक समान
सब मिल ठहाके लगाएंगे
सब इंसान बन जाएंगे|

ऋता शेखर मधु

10 टिप्‍पणियां:

  1. भाईचारे का सन्देश देती बहुत सुन्दर
    प्यारी रचना...
    :-)

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  2. प्रेम का संदेश देती सार्थक रचना..बहुत सुंदर

    ईद मुबारक...

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  3. ईद मुबारक आपको, रचना देती सन्देश
    भाई चारा बना रहे, स्वर्ग बन जाए देश,,,,

    RECENT POST ...: जिला अनुपपुर अपना,,,

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  4. आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल २१/८/१२ को http://charchamanch.blogspot.इन पर चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका स्वागत है

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  5. एक थे एक हैं .... रहेंगे - ईद मुबारक मीठी सेवइयों सी

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  6. सियासी और धार्मिक ताक़तें एक रहने कहाँ देती हैं ..... खूबसूरत रचना

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  7. वाह! बहुत सुन्दर.
    ईद की बधाई और शुभकामनाएँ.

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