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गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

छंदचित्र...एवं...शेरगा






18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर रचनाएँ व प्रस्तुति!
    चित्र तथा रचनाएँ दोनों एक-दूसरे के पूरक..... :-)
    ~सादर!!!

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  2. बहुत सुन्दर

    aagrah hai mere blog main bhi sammlit ho

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  3. दीदी सादर प्रणाम आपकी प्रस्तुति का जवाब नहीं, आपका अंदाज निराला है अलग है बधाई स्वीकारें.

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  4. बहुत सुंदर .... चित्र रचनाओं के अनुरूप

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  5. वाह:बहुत ही सुंदर प्रस्तुति...

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  6. सुंदर दोहे से सजी बेहतरीन प्रस्तुति.

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  7. आँखों में हो कायनात की रंगीनियाँ तो क्या है असम्भव
    सूरज चाँद,चाँद सूरज होता है आसमान में

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  8. बहुत सुन्दर रिताजी ...जीवंत हाइगा..!!!

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