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रविवार, 6 अप्रैल 2014

लघुकथा...

लघुकथा....

सुरेश बाबू दफ्तर की फ़ाइल लिए सवेरे फटाफट सीढ़िया उतरने 


लगे...देर जो हो रही थी...तभी माँ की पुकार सुनाई पड़ी...उल्टे पाँव 

वापस आ गए माँ के पास|


चलने फिरने से लाचार अशक्त वृद्धा ने आँखों में आँसू भरकर कहा- 

मुझे नाश्ता करवाकर जाया करो बेटा...और हर तरह से समृद्ध सुरेश 

बाबू स्तब्ध रह गए|
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ऋता

1 टिप्पणी:

  1. आपकी लिखी रचना बुधवार 09 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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