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शनिवार, 26 मई 2018

क्रेडिट कार्ड-लघुकथा

आधुनिक कर्ज
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कुछ देर पहले मोबाइल पर कोई मैसेज देखकर सोमेश का चेहरा उतर गया था। उसके पापा से यह छुपा नहीं रह सका। पूछने पर सोमेश ने बताया कि क्रेडिट कार्ड का बिल है। दस दिन पहले की ही तो बात है जब सोमेश का फोन आया था।

"अम्मा पापा, गृहप्रवेश के लिए 20 मई का दिन रखा है मैंने। वीकेंड में रहने से कोई परेशानी न होगी। अब आपलोग यहां आने की तैयारी करें। मैं फ्लाइट की टिकट भेजता हूँ ।" सोमेश ने चहकते हुए कहा।
"नहीं बेटा, हमलोग ट्रैन से आ जाएंगे। अभी फ्लाइट की टिकट का दाम बहुत बढ़ा मिलेगा।" पिता पाई पाई की बचत का महत्व जानते थे।
"मैं भेजता हूँ न," कहकर सोमेश लैपटॉप खोलकर बैठ गया।
निश्चित दिन माता पिता को नए घर में पाकर सोमेश बहुत खुश हुआ। उसकी पत्नी ने भी आवभगत में कमी न छोड़ी। नए महँगे उपकरणों से घर भरा हुआ था। किचेन में सोमेश की माँ चकित भाव से हर मशीन देखतीं। वाशिंग मशीन, फ्रिज , माइक्रोवेव , गैस चूल्हा, चिमनी, फ़ूड प्रोसेसर तो उच्च क्वालिटी के थे ही, ड्राइंग रूम में सोफे, टीवी सभी शानदार थे। सजावट के सामान भी देखते ही बनते थे।
"सोमेश, सिर्फ दस वर्षों की नौकरी में तुमने एक करोड़ का घर खरीद लिया और जरुरत के सारे सामान भी लिए।एक हम लोग थे, कभी सोच ही नहीं पाए यह सब। सिर्फ बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सोचते रहे और जुगाड़ करते रहे। आखिर कितनी बचत कर लेते हो।"
"बचत क्यों करें, क्रेडिट कार्ड से लिया"
"तो क्या ये पैसे चुकाने न होंगे"
"चुका देंगे पापा, अब आप बताइए, कुछ कमी लग रही तो वह खरीद लूँ।"
"न बेटा, कोई कमी नहीं। पर कर्ज हमेशा गले में फंदे की तरह लटकता रहता है। आधुनिक भाषा में वो कर्ज ही तो क्रेडिट कार्ड है।"
"क्या पापा आप भी..." कहकर सोमेश मुस्कुरा दिया था।

पापा ने बिल देखा, कुछ सोचा और कहा," चिंता न करो, रिटायरमेंट के जो पैसे मिले हैं उनसे चुका देना।"

"मैं आपके पैसे धीरे धीरे वापस कर दूँगा"

"हम्म, मैं क्रेडिट कार्ड नहीं हूँ बेटा,"

कहकर पापा दूसरे कमरे में चले गए।

-ऋता शेखर मधु

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (28-05-2018) को "मोह सभी का भंग" (चर्चा अंक-2984) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

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