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बुधवार, 15 जुलाई 2020

शिव करते उपकार सभी पर - गीत


शंकर जी की नगरी आकर, बम लहरी से दिल डोला है | 
शिव करते उपकार सभी पर, मन उनका बिल्कुल भोला है || 

निकल जटा से शिव की गंगा, 
करने आतीं सबको पावन | 
हर हर गंगे के नारों से , 
गूँज उठा है फिर से सावन || 

जटाजूटधारी के तन पर, व्याघ्र चर्म का इक चोला है| 
शिव करते उपकार सभी पर, मन उनका बिल्कुल भोला है|| 

इस दुनिया की रीत यही है 
सबको ही विष पीना होगा || 
फैल न पाए वह जीवन में 
नीलकंठ बन जीना होगा || 

डम डम बज कर डमरू भी अब, ओम नमः नमः शिव बोला है | 
शिव करते उपकार सभी पर, मन उनका बिल्कुल भोला है ||

ढेर लगी है विल्वपत्र की , 
राम नाम का शुभ वंदन है || 
भाँग धतूरा भोग बने हैं , 
चढ़ता शिव माथे चंदन है || 

वृषभ सर्प जहँ संग रहें वह, औघड़दानी का टोला है | 
शिव करते उपकार सभी पर, मन उनका बिल्कुल भोला है|| 

छाए हैं संकट के बादल 
शिव जी अपनी कृपा बढ़ाओ| 
मति मानव की मूढ़ बनी है, 
वहाँ ज्ञान की परत चढ़ाओ || 

भस्म विभूषित होकर बैठे, एक नयन रखता शोला है| 
शिव करते उपकार सभी पर, मन उनका बिल्कुल भोला है|| 

@ऋता शेखर ‘मधु’

https://youtu.be/xGCH9LsFCn8