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रविवार, 22 सितंबर 2013

ज़िन्दगी की जंग कभी होती नहीं आसान


आसमाँ में टूटता एक सितारा देखा
दुआ माँगता हुआ एक बेचारा देखा

सबको ही पड़ी है अपनी अपनी
किसी के लिए न कोई सहारा देखा

ज़िन्दगी की जंग कभी होती नहीं आसान
जीतने की जिद में दौड़ता एक हरकारा देखा

दिल हथेली पर लिए घूमता था वो
किरचों को चुनता प्यार का मारा देखा

चुप रहकर जिएँ तो जिएँ कैसे
बिन बोले होता नहीं गुजारा देखा|
...................ऋता

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रचना है दी....
    आसमाँ में टूटता एक सितारा देखा
    विश माँगता हुआ एक बिचारा देखा

    यहाँ अगर विश की जगह "दुआ मांगता हुआ एक बेचारा देखा" कर दें तो ??
    गुस्ताखी माफ़ :-)

    सादर
    अनु

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  2. दिल हथेली पर लिए घूमता था वो
    किरचों को चुनता प्यार का मारा देखा...
    लाजवाब !

    जवाब देंहटाएं

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