गौरवशाली भारत देश
दोहे...
यहाँ सनातन सभ्यता, यहाँ अनूठा प्यार।
मेरे भारत देश में, मिलता सद्व्यवहार।।
संस्कृति या अध्यात्म में, सदा रहा अनमोल।
कत्थक गरबा डांडिया, तबला हो या ढोल।।
हड़प्पा मोहनजोदड़ो, कहता है इतिहास।
प्राचीन काल से यहाँ, होता रहा विकास।।
वैदिक कालखंड बने, सभ्यता के प्रमाण।
पूजे जाते देश में, नदी और पाषाण।।
वेद ऋचाएँ हैं गहन, वहाँ भरा है ज्ञान।
भरते दया विनम्रता, महिमामंडित दान।
ऋग्वेद सामवेद में, अनुभव का भंडार।
आयुर्वेद अथर्व रचे, जीवन का हर सार।।
रघुनन्दन के राज्य में, स्थापित है धर्म।
द्वारकाधीश कह गए, रखना सुन्दर कर्म।।
भगवद्गीता के सार में, जीवन की है सीख।
मर्यादा जब भंग हो, लड़ो, न माँगो भीख।।
पूजा होती अन्न की, पूजे जाते नीर।
पर्व त्योहार में बन रहे, केसर वाली खीर।।
ज्योतिष वास्तुशास्त्र गणित, गणना में अनमोल।
अद्भुत संख्या शून्य के, बड़े बड़े हैं बोल।।
राष्ट्र में हो अखंडता, रखना है यह ध्यान।
विश्वगुरू बनकर रहे, आर्यावर्त महान।।
-ऋता शेखर 'मधु'
सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आ0 सुशील जी।
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