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बुधवार, 30 जनवरी 2013

गाँधी जी की पुण्यतिथि पर...




गाँधी जी की पुण्यतिथि पर...

आओ तो बापू जरा, देखो अपना देश
संतों की इस भूमि का, बदल गया परिवेश
बदल गया परिवेश, भ्रष्टाचार है भारी
नहीं सत्य का मोल, सिसक रहे सदाचारी
चरखा लेकर हाथ, अमन का राग सुनाओ
पंथ निहारे हिन्द, अब तो जल्द ही आओ

ऋता शेखर 'मधु'

11 टिप्‍पणियां:

  1. " अब तो जल्द ही आओ" बहुत सुन्दर कुण्डलिया ..गाँधी जी को नमन

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  2. sundar bhav,bhrast vyvastha ki pida ko ukerti pastuni,koti koti naman बदल गया परिवेश, भ्रष्टाचार है भारी
    नहीं सत्य का मोल, सिसक रहे सदाचारी
    चरखा लेकर हाथ, अमन का राग सुनाओ
    पंथ निहारे हिन्द, अब तो जल्द ही आओ

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  3. बापू की रूह को चैन नहीं ... अब क्या देखें वो

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  4. बहुत अच्छी रचना....
    आज सख्त ज़रुरत है किसी पथप्रदर्शक की...

    सस्नेह
    अनु

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  5. सच में बापू जी एक बार आ ही जाइये
    और अपनी तस्वीरें कम से कम सरकारी दफ्तरों से जरूर हटवा दें

    बहुत सुंदर प्रस्तुति

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  6. सहज सरल उदगार अभिव्यक्त हुए हैं इस रचना में .

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  7. बापू आ जाएंगे तो भी उनके अनुयायी उनकी नहीं मानेंगे आज ...
    सार्थक आह्वान है आपका ...

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