गाँधी जी की पुण्यतिथि पर... आओ तो बापू जरा, देखो अपना देश संतों की इस भूमि का, बदल गया परिवेश बदल गया परिवेश, भ्रष्टाचार है भारी नहीं सत्य का मोल, सिसक रहे सदाचारी चरखा लेकर हाथ, अमन का राग सुनाओ पंथ निहारे हिन्द, अब तो जल्द ही आओ ऋता शेखर 'मधु'
sundar bhav,bhrast vyvastha ki pida ko ukerti pastuni,koti koti naman बदल गया परिवेश, भ्रष्टाचार है भारी नहीं सत्य का मोल, सिसक रहे सदाचारी चरखा लेकर हाथ, अमन का राग सुनाओ पंथ निहारे हिन्द, अब तो जल्द ही आओ
सार्थक आह्वान
जवाब देंहटाएं" अब तो जल्द ही आओ" बहुत सुन्दर कुण्डलिया ..गाँधी जी को नमन
जवाब देंहटाएंsundar bhav,bhrast vyvastha ki pida ko ukerti pastuni,koti koti naman बदल गया परिवेश, भ्रष्टाचार है भारी
जवाब देंहटाएंनहीं सत्य का मोल, सिसक रहे सदाचारी
चरखा लेकर हाथ, अमन का राग सुनाओ
पंथ निहारे हिन्द, अब तो जल्द ही आओ
बहुत सही आहवाहन ...
जवाब देंहटाएंसादर !
बापू की रूह को चैन नहीं ... अब क्या देखें वो
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना....
जवाब देंहटाएंआज सख्त ज़रुरत है किसी पथप्रदर्शक की...
सस्नेह
अनु
गाँधी जी की पुण्यतिथि पर......शत शत नमन,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,
सच में बापू जी एक बार आ ही जाइये
जवाब देंहटाएंऔर अपनी तस्वीरें कम से कम सरकारी दफ्तरों से जरूर हटवा दें
बहुत सुंदर प्रस्तुति
सहज सरल उदगार अभिव्यक्त हुए हैं इस रचना में .
जवाब देंहटाएंसार्थक आह्वान..... नमन
जवाब देंहटाएंबापू आ जाएंगे तो भी उनके अनुयायी उनकी नहीं मानेंगे आज ...
जवाब देंहटाएंसार्थक आह्वान है आपका ...