वर्ष 2012 का आज अन्तिम दिन...मौजूदा वारदात पर मन द्रवित है...फिर भी समय अपनी गति नहीं छोड़ता ...2013 को नियम के अनुसार आना है...आने वाले वर्ष में हालात सुधरें, इसी आशा के साथ नए वर्ष की शुरुआत करनी है...सभी को नव वर्ष की मंगलकामनाएँ !!
ब्लॉगर के अनुसार २०१२ की जो सबसे पॉपुलर पोस्ट रही वह फिर से प्रकाशित कर रही हूँ|
बूँद-बूँद तरसे धरा, ताक रही आकाश|
मेघ, अब आओ जरा, मिलने की है आस|१|
मतवाले बादल चले, घोड़े-सी है चाल|
हौले मस्त हवा चली, झूमें तरु के डाल|२|
घटा घनघोर छा रही, नाच रहा है मोर|
चपल दामिनी हँस पड़ी, बादल करता शोर|३|
घन-घन करके गरज रहा, इन्द्रदेव का दूत|
माँ के आँचल जा छुपा, उसका डरा सपूत|४|
प्रचण्ड-वेग समीर बहे, झुकते ताड़-खजूर|
धूल-भरी हैं आँधियाँ, उड़ें फूस-छत दूर|५|
बादलों से गगन ढका, है बारिश की थाप|
भोर निशा-सी लग रही, सूरज सोया चुपचाप|६|
खुशबू सोंधी उड़ रही, टप टप बरसा नीर
तन मन पुलकित हो गए, चलो ताल के तीर|७|
बारिश की धारा बही, छप-छप करते पाँव|
कतारों में हैं सजते, कागज के सब नाव|८|
मुसलाधार बारिश में, सजा राग मल्हार|
पकौड़ियाँ छनने लगीं, छाई हँसी-बहार|९|
नदी- ताल- पोखर भरे, बारिशों का कमाल|
टर-टर से गूँजा शहर, मेढकों का धमाल|१०|
बूदें नभ में जा टँगीं, हो रहा परावर्तन|
इन्द्रधनुष के सात रंग, करने लगे नर्तन|११|
मेंहदी हाथों में रची, मुखड़ा होता लाल|
मंद- मधुर मुस्कान से, सखियाँ करें सवाल|१२|
ऋता शेखर ‘मधु’