निभ जाते हैं रिश्ते
जब हम सीख लेते हैं
दोषों को नजरअंदाज़ करना
जी लेते हैं तमाम उम्र
जब हम सीख लेते हैं
बेवज़ह ही मरना
मिलती है सफलता
जब हम सीख लेते हैं
समय पर काम करना
पा लेते हैं निदान
जब हम सीख लेते है
समस्याओं को पकड़ना
मिल जाते हैं रास्ते
जब हम सीख लेते हैं
निडरता से पग धरना
कुसुमित होती है बगिया
जब हम सीख लेते हैं
काँटों संग निखरना
निखर जाता है लेखन
जब हम सीख लेते हैं
भाव सुन्दर भरना
खिल जाते हैं चेहरे
जब हम सीख लेते हैं
मुसकानों से सँवरना
पास आती हैं खुशियाँ
जब हम सीख लेते हैं
प्रकृति के संग गुजरना
जिंदगी हो जाती खूबसूरत
जब हम सीख लेते हैं
प्रीत-डोर में ठहरना
जीत लेते हैं जमाना
जब हम सीख जाते हैं
हरसिंगार सा झरना
-- ऋता शेखर 'मधु'