निर्जला ...
निर्जला व्रत करने की घोषणा की थी घर में कल्याणी देवी ने।
" मगर यह गलत बात है। आपको ब्लड प्रेशर और थाइराइड की समस्या है जिसकी दवा सवेरे खाली पेट में लेनी होती है। तबियत बिगड़ गई तो लेने के देने पड़ जायेंगे।" कल्याणी देवी के पति महेश बाबू ने समझाने की कोशिश की।
" नहीं जी, मैं कर लूँगी।" सीनियर सिटीजन पत्नी के दृढ निश्चय के सामने उनकी एक न चली।
महेश बाबू का डर निराधार नहीं था। भीषण गर्मी और भीमसेनी एकादशी का निर्जला व्रत, दिन भर एक बूँद जल भी न लेने के कारण कल्याणी देवी परेशानी महसूस कर रही थीं। मन में शांति न थी पर अपनी बात से डिगना भी नहीं चाहती थीं।
वे चुपचाप सोने चली गईं। कुछ देर बाद महेश बाबू ने आवाज़ लगाई तो कोई उत्तर न मिला। घबड़ाकर उन्होंने डॉक्टर को फोन किया। डॉक्टर ने पानी चढ़वाने की व्यवस्था की।
कुछ देर में कल्याणी देवी को होश आ गया।
होश में आते ही उन्होंने पूछा- " किसी ने मेरे मुँह में जल डालकर मेंरा व्रत तो भंग नहीं किया।
वे चुपचाप सोने चली गईं। कुछ देर बाद महेश बाबू ने आवाज़ लगाई तो कोई उत्तर न मिला। घबड़ाकर उन्होंने डॉक्टर को फोन किया। डॉक्टर ने पानी चढ़वाने की व्यवस्था की।
कुछ देर में कल्याणी देवी को होश आ गया।
होश में आते ही उन्होंने पूछा- " किसी ने मेरे मुँह में जल डालकर मेंरा व्रत तो भंग नहीं किया।
डॉक्टर ने मुस्कुराकर कहा-" पानी तो मैंने बाहर से चढ़ाया।"
" तब ठीक है।" निश्चिन्त होकर कल्याणी देवी ने आँखे बंद कर लीं।
-----------ऋता शेखर "मधु"----------
-----------ऋता शेखर "मधु"----------