तीन
कहमुकरियाँ...
१.
बड़ा
दिवस में वापस आता
झोली
भरकर चीजें लाता
खुश
हो जाती प्यारी कांता
का
सखि साजन?
ना
सखि सांता
२.
प्रेम
का तोहफ़ा उसकी बोली
भरी
यीशु से उसकी झोली
दूर
रखे वह सैनिटोरियम
का
सखि साजन?
ना
सखि मरियम
३.
उसकी
गलियाँ बड़ी सुहानी
शाति
प्रीति लगी हैं रुहानी
दया
क्षमा वह बाँटे हँस-हँस
का
सखि साजन?
ना
सखि क्रिसमस
*ऋता
शेखर ‘मधु’*