पावन पर्व
हर हर महादेव
गूँजी दिशाएँ
आओ, चलो हम भी
कर दें अभिषेक|
विष को पिया
कंठ में धार लिया
हम भी सीखें
हर बुराई सहें
आत्मसात न करें|
तेरा ही नाम
जिसने भजा सदा
वह क्यूँ डरे
भव सागर का तू
जो खेवनहार है|
ऋता शेखर 'मधु'
बहुत ही सुन्दर ,महाशिवरात्रि की शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ....हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंशुभ महाशिवरात्रि आपको परिवार सहित
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सार्थक रचना.आपको महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंहर हर महादेव
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक प्रस्तुति आपकी अगली पोस्ट का भी हमें इंतजार रहेगा महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
कृपया आप मेरे ब्लाग कभी अनुसरण करे
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंसादर
नीरज 'नीर'
मेरी नयी कविता
KAVYA SUDHA (काव्य सुधा): अषाढ़ का कर्ज
विष को पिया
जवाब देंहटाएंकंठ में धार लिया
हम भी सीखें
हर बुराई सहें
आत्मसात न करें..
जय भोले ... बहुत घी सुन्दर मनभावन हैं सभी ...
सुन्दर प्रस्तुति ..ॐ नम: शिवाय!
जवाब देंहटाएं