प्रेम का हर सार छुपा है राधा-कान्हा की भक्ति में
परम आनंद प्रकट होता मीरा की अनुरक्ति में
छलिया चितचोर साँवला सलोना नंद का छोरा
मनमोहना था, डूबी गोपियाँ प्रेम-आसक्ति में
मोहन एक गोपियाँ अनेक रास रचाए मधुवन
अधर से मुरली यूँ जुड़े ज्यूँ समास जुड़ें विभक्ति में
निष्ठुर बना वह नंदलाला छोड़ गया वृंदावन
गऊ गाछ गोपियाँ गलियाँ गुमसुम हुए विरक्ति में
कालिया जयद्रथ शिशुपाल कंस कृष्ण को ना भाते
धैर्य से हम रखें यकीन नारायण की शक्ति में
ऋता शेखर 'मधु'
इस ग़ज़ल को जन्माष्टमी के लिए तैयार किया था किन्तु ऐन मौके पर एक सप्ताह के लिए नेट महाराज धोखा दे गए...
अपनी रचना तो नहीं ही डाल पाई , सबके ब्लॉग की रचनाएँ भी मिस कियाः(
अपनी रचना तो नहीं ही डाल पाई , सबके ब्लॉग की रचनाएँ भी मिस कियाः(
:):) janamashtami chala gaya.... par krishna ki mithi yaad dila di...:)
जवाब देंहटाएंप्रेम का हर सार छुपा है राधा-कान्हा की भक्ति में
जवाब देंहटाएंपरम आनंद प्रकट होता मीरा की अनुरक्ति में... बहुत सुन्दर भाव ..देर ही सही पर पढ़ने को तो मिला...ऋता...शुभकामनाएं
रास यानि प्रेम ... प्रेम शरीर का बोधक नहीं है . कृष्ण ने जो रास रचाया , उसमें अदभुत शक्तिशाली खुशियाँ थी, एक सक्षम पुरुष की निगरानी थी .... पर जाकी रही जैसी भावना ....
जवाब देंहटाएंप्रेम का हर सार छुपा है राधा-कान्हा की भक्ति में
परम आनंद प्रकट होता मीरा की अनुरक्ति में
बहुत सुन्दर...मनभावन रचना....
जवाब देंहटाएंकृष्ण तो सदाबहार हैं......
सस्नेह
अनु
बढिया, क्या कहने
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना ... कृष्ण की कितनी ही छवि समेट ली हैं ।
जवाब देंहटाएंप्रेम का हर सार छुपा है राधा-कान्हा की भक्ति में
जवाब देंहटाएंपरम आनंद प्रकट होता मीरा की अनुरक्ति में
भावमय करते शब्दों का संगम ... उत्कृष्ट प्रस्तुति।
शुक्रिया रविकर सर !!
जवाब देंहटाएंछलिया चितचोर साँवला सलोना नंद का छोरा
जवाब देंहटाएंमनमोहना था, डूबी गोपियाँ प्रेम-आसक्ति में
मधुर भाव की अनुपम अभिव्यक्ति.
आपकी हर प्रस्तुति मधुर गुंजन करती सी लगती है
आभार,ऋता जी.
ऋता जी, बहुत सुंदर शब्द चित्र खींचे हैं। हार्दिक शुभकामनाएं।
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डायन का तिलिस्म!
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
मोहन एक गोपियाँ अनेक रास रचाए मधुवन
जवाब देंहटाएंअधर से मुरली यूँ जुड़े ज्यूँ समास जुड़ें विभक्ति में ...
करिश का रूप और उनका हर प्रसंग ओने आप में महा काव्य है ... उसे गज़ल, कविता में अनेकों रूप में बांधा है कवियों ने ... बहुत ही लाजवाब शेर कहे हैं आपने भी ...
बहुत सुंदर शाब्दिक चित्रण ....
जवाब देंहटाएंवाह ...कृष्ण मई बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें...!!
खूबसूरत प्रस्तुति
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