लाइट ऐक्शन कैमरा, तीन शब्द है फ़िल्म।
संप्रेषण संवाद का, बहुत बड़ा है इल्म।।1
सुन्दर सज्जा नृत्य की, आकर्षक तस्वीर|
देशभक्ति या प्रेम की, सुन्दर सी तहरीर||2
तेरह सन उन्नीस में,प्रथम फिल्म थी मूक|
मिली साल इकतीस में, मौन रील को कूक||3
राजा हरिश्चंद्र रहा, मूक फ़िल्म के पास|
आलम आरा स्वर सहित, रचे फ़िल्म इतिहास||4
सोलह नौवें माह का, फ़िल्म दिवस श्रीमान|
सस्ती मिलती है टिकट, यही मान पहचान||5
फ़िल्म जगत के नाम कुछ, भारत में हैं ज्ञात।
टॉलीवुड तेलुगु-तमिल,बॉलीवुड विख्यात।।6
मिले सिनेमा में हमें, चलते फिरते दृश्य।
कुछ हैं बालक के लिए,रहते कुछ अस्पृश्य।।7
फाल्के जी के नाम पर, बने हैं पुरस्कार।
अभिनय निर्देशन बने, उत्कृष्ट फिल्मकार।।8
पार्श्व गायकी के लिए, लता रहीं उत्कृष्ट।
पुरुष वर्ग में थे रफी, रहे जो अति विशिष्ट।।9
शोमैन जो कहे गए, वह थे राज कपूर।
सुन्दर मधुबाला हुईं, दुनिया में मशहूर।।10
कवि प्रदीप ने रच दिया, देशभक्ति का सार।
मन वीणा के तार पर, मधुरिम है झंकार।।11
फिल्में मन पर डालती, अपना बहुत प्रभाव।
उनमें कुछ सन्देश हों, संग रहे कुछ चाव।।12
संप्रेषण संवाद का, बहुत बड़ा है इल्म।।1
सुन्दर सज्जा नृत्य की, आकर्षक तस्वीर|
देशभक्ति या प्रेम की, सुन्दर सी तहरीर||2
तेरह सन उन्नीस में,प्रथम फिल्म थी मूक|
मिली साल इकतीस में, मौन रील को कूक||3
राजा हरिश्चंद्र रहा, मूक फ़िल्म के पास|
आलम आरा स्वर सहित, रचे फ़िल्म इतिहास||4
सोलह नौवें माह का, फ़िल्म दिवस श्रीमान|
सस्ती मिलती है टिकट, यही मान पहचान||5
फ़िल्म जगत के नाम कुछ, भारत में हैं ज्ञात।
टॉलीवुड तेलुगु-तमिल,बॉलीवुड विख्यात।।6
मिले सिनेमा में हमें, चलते फिरते दृश्य।
कुछ हैं बालक के लिए,रहते कुछ अस्पृश्य।।7
फाल्के जी के नाम पर, बने हैं पुरस्कार।
अभिनय निर्देशन बने, उत्कृष्ट फिल्मकार।।8
पार्श्व गायकी के लिए, लता रहीं उत्कृष्ट।
पुरुष वर्ग में थे रफी, रहे जो अति विशिष्ट।।9
शोमैन जो कहे गए, वह थे राज कपूर।
सुन्दर मधुबाला हुईं, दुनिया में मशहूर।।10
कवि प्रदीप ने रच दिया, देशभक्ति का सार।
मन वीणा के तार पर, मधुरिम है झंकार।।11
फिल्में मन पर डालती, अपना बहुत प्रभाव।
उनमें कुछ सन्देश हों, संग रहे कुछ चाव।।12