बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

१. श्रीराम जन्म- ऋता की कविता में

मैं श्रीराम कथा को कविता के रूप में प्रस्तुत करने जा रही हूँ| 
इस श्रृंखला की प्रथम कविता आपके सामने प्रस्तुत है| 
आपकी छोटी सी प्रतिक्रिया भी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है|

श्रीराम जन्म
प्रतीक्षा हुई खत्म, बस आने को है वह मधुर वेला|
पधारेंगे परम नारायण विष्णु बन  के  राम लला||

ग्रह  नक्षत्र  दिन  वार  सब  हो  गए  अनुकूल|
स्थान  है  सूर्यवंशी महाराज दशरथ  का  कुल||

चैत्र  शुक्ल  नवमी  तिथि  समय  है  मध्याह्न|
न शरद न ग्रीष्म है, चहुँ ओर  फैला  है विश्राम||

नदियों की धारा  अमृत सा जल ले कर बह रही|
ऋतुराज खड़े स्वागत को धरती आनंदित हो रही||

गगन  सजा देवगणों से गन्धर्व राम गुण गाने लगे|
गह-गह दुन्दुभि बजने लगी देवता पुष्प बरसाने लगे||

नाग  मुनि देव  कर स्तुतिगान लौट गए अपने-अपने धाम|
प्रकट हुए माता के सम्मुख, जग  को विश्राम देने वाले राम||

देख  अलौकिक रूप पुत्र  का  प्रफुल्लित हुआ कौशल्या का  मुख|
नेत्र आकर्षक तन था श्यामल, निहार माता को मिला अद्भुत सुख||

चार भुजाओं ने धारण किए थे अद्भुत आयुध चार|
आभूषण बन चमक रहा था गले में फूलों का हार||

प्रभु के रोम- रोम में शोभित थी ब्रह्मांड की छाया|
बिखरी दिख रही थी  कोटि-कोटि  वेद की माया||

विराट सागर की भाँति शोभा रही थी निखर|
देख-देख माता विह्वल, आनन्द से गईं सिहर||

प्रभु पुत्र-रूप में रहे गर्भ में, कौशल्या  को हुआ संज्ञान|
यह जान नारायण मुस्कुरा दिए, किया प्रश्नों का संधान||


पूर्व जन्म की कथा सुनाई, किया माता से निवेदन|
पुत्र-रूप में स्वीकारिए,  रखिए  पुत्रवत्  ही संवेदन||

माता हर्षित पुलकित हो गईं,कहा प्रभु से कर जोड़|
शिशु  रूप  में  आ  जाइए, मैं  हूँ  भाव  विभोर||

सुन कौशल्या की कोमल वाणी,प्रभु ने रूप वह त्यागा|
शिशु बन रूदन करने लगे, माता का प्यार भी जागा||

जो भी श्रवण करें इस चरित्र को, हरिपद वह पाएँगे|
माया-मोह  का जाल समझ, भव कूप में न जाएँगे||
                  ०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०
ऋता शेखर 'मधु'

26 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया प्रस्तुति ||

    बहुत बहुत बधाई ||

    शुभ विजया ||

    neemnimbouri.blogspot.com

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  2. इस अवसर पर आपका यह नवल प्रयास सराहनीय है । बहुत -बहुत शुभकामनाएँ

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  3. आध्यात्म के क्षेत्र में यह प्रस्तुति उत्कृष्ट एवं सराहनीय है|ईश्वर आपकौ इस कार्य को आगे ले जाने की शक्ति प्रदान करें|मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं|

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  4. विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ|
    सादर
    ऋता शेखर 'मधु'

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  5. आपकी उत्कृष्ट रचना है --
    शुक्रवार चर्चा-मंच पर |
    शुभ विजया ||
    http://charchamanch.blogspot.com/

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  6. शुभारंभ....
    विजयादशमी की सादर बधाईयां....

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  7. ऋता शेखर 'मधु' जी राम जन्म का बहुत सुन्दर चित्रण किया है आनन्द आ गया।

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  8. मेरे ब्लोग पर भी कृष्ण लीला चल रही है यदि आप देखना चाहे तो इस लिंक पर देख सकती हैं।
    http://ekprayas-vandana.blogspot.com

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  9. kya baat hai aapne bahut hi bada vida uthaya hai .sunder rastuti
    badhai
    rachana

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  10. ऋता जी,
    आज के दिन से ज़्यादा शुभ कोई और दिन तो हो ही नहीं सकता था इस पावन कार्य के लिए...मेरी बहुत बधाई और शुभकामनाएँ स्वीकारें...।
    प्रियंका

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  11. बहुत बढ़िया लिखा है आपने! अद्भुत सुन्दर ! लाजवाब प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !

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  12. bahut hi sundar rammayee prastuti
    rachna padhkar man ko bahut achha mahsus hua..aabhar

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  13. आपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ । भगवान आपको सदा खुश रखें ।.मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है ।
    धन्यवाद ।

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  14. दक्षिणे लक्षमणो यस्य वामे च जनकात्मजा।
    पुरतो मारुतिर्यस्य तं वंदे रघुनंदनम्॥
    जिनके दांयी ओर लक्षमण जी हैं, बांयी ओर जनकनंदिनी माता सीता हैं और सम्मुख मारुतिनंदन हनु्मानजी हैं, उन भगवान राम का मैं वंदन करता हूँ।
    जो भी श्रवण करें इस चरित्र को, हरिपद वह पाएँगे|
    माया-मोह का जाल समझ, भव कूप में न जाएँगे||……सराहनीय प्रयास……बधाई।

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  15. राम जन्म का सुंदर वर्णन । तुलसी दास जी के भये प्रगट कृपाला की याद आ गई ।

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  16. वाह - बहुत ही सुन्दर :)

    इसी पर मैं भी एक शृंखला लिख रही हूँ - आज भाग १३ पोस्ट किया है | समय मिले - तो ज़रूर पढियेगा :) http://ret-ke-mahal-hindi.blogspot.com/2011/10/blog-post_07.html

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    उत्तर
    1. कृपया मुझे invite करिये ताकि आपके ब्लॉग पढ़ सकूँ। बिना invitation के यह लिंक खुल नहीं सकता

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  17. Hi fantastic article! Thanks for sharing your current data and desire to observe more of this page soon.

    जगजीत सिंह आधुनिक गजल गायन की अग्रणी है.एक ऐसा बेहतरीन कलाकार जिसने ग़ज़ल गायकी के सारे अंदाज़ बदल दिए ग़ज़ल को जन जन तक पहुचाया, ऐसा महान गायक आज हमारे बिच नहीं रहा,
    उनके बारे में और अधिक पढ़ें : जगजीत सिंह

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  18. देर से आना हुआ .....सबसे पहले विजयादशमी की शुभकामनाएँ !
    राम जन्म का सुंदर शब्द चित्रण , पढ़कर अच्छा लगा !
    बधाई !
    हरदीप

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  19. आपलोगों की उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रियाओं के लिए हार्दिक आभार|
    जिन लोगों ने इस कविता को पढ़ा उन्हें हार्दिक धन्यवाद|
    ऋता शेखर 'मधु'

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  20. विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ..........

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