To मधुर गुंजन |
आज मधुर गुंजन एक साल का हो गया| ब्लॉगिंग करते हुए एक वर्ष कैसे बीत गया पता ही नहीं चला... ब्लॉग-जगत बहुत बड़ी दुनिया है जहाँ लोग एक
दूसरे के सुख-दुख में सहभागी हैं|मेरा एक वर्ष का अनुभव सुखद रहा|मेरी नजर में
बलॉग जगत का अर्थ है---
बलॉगर=वसुधैव
कॉम=कुटुम्बकम्
अर्थात् ब्लॉगर.कॉम = वसुधैव कुटुम्बकम्
मैं यहाँ पर आने वाले सभी ब्लॉगर मित्रों, इस बलॉग के फोलोअर्स एवं पाठकों का
आभार व्यक्त करती हूँ | मैं उन सब की आभारी हूँ जिन्होंने अपने ब्लॉग पर मधुर
गुंजन का लिंक लगाया है|
शास्त्री सर, रविकर सर, दिलबाग विर्क जी एवं राजेश कुमारी दी मेरी रचनाओं को
चर्चा मंच पर सजाते रहे|
रश्मिप्रभा दी एवं रविन्द्र प्रभात जी ने मेरी रचनाओं को वटवृक्ष और ब्लॉग बुलेटिन में स्थान दिया|
यशवंत जी,संगीता दी, विभारानी श्रीवास्तव जी, यशोदा अग्रवाल जी,सदा जी मेरी रचनाओं को
नयी-पुरानी हलचल का हिस्सा बनाते रहे|
सभी को शुक्रिया एवं हार्दिक आभार !!
इंटरनेट पर आने के बाद बहुत कुछ सीखा|
हिन्दी-हाइकु ब्लॉग से हाइकु, ताँका, चोका, हाइगा और माहिया लिखना सीखा|
इसके लिए रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' सर की आभारी हूँ|
ठाले बैठे ब्लॉग से छंद लिखना सीखा|
इसके लिए नवीन सी चतुर्वेदी जी की आभारी हूँ|
नेट पर ही पढ़-पढ़ कर ग़ज़ल लिखना सीखा|
नेट पर ही पढ़-पढ़ कर ग़ज़ल लिखना सीखा|
मैं उन सबों की शुक्रगुजार हूँ जो टिप्पणियों के माध्यम से और इस ब्लॉग का अनुसरण कर मेरा उत्साह बढ़ाते
रहे| कोशिश कर रही हूँ सबके नाम दे सकूँ...
आ०... रश्मिप्रभा दी, ,संगीता स्वरुप दी, माहेश्वरी कनेरी दी , वन्दना गुप्ता जी,
रमा द्विवेदी दी,राजेश कुमारी दी, संगीता जी, मोनिका शर्मा जी, आशा जोगलेकर जी, छोटी
बहन सी प्यारी अनु जी,प्रियंका जी,रचना श्रीवास्तव जी,हरदीप सन्धु जी,जेन्नी शबनम
जी,अनुपमा पाठक जी,अनुपमा त्रिपाठी जी, ,सदा जी, शिखा वार्ष्णेय जी, निशा महाराणा
जी, रचना दीक्षित जी, अनामिका जी, मृदुला प्रधान जी, हरकीरत हीर जी, अना जी, रीना
मौर्य जी, अमृता तन्मय जी, आशा बिष्ट जी, गायत्री गुप्ता गुंजन जी, क्षितिजा जी, यशोदा अग्रवाल जी, प्रतिभा सक्सेना
जी, भावना कुँअर जी, शालिनी कौशिक जी, शिखा कौशिक जी, नूतन गैरोला जी, सुशीला जी,
वन्दना जी,सारस जी, सुमन कपूर मीत जी, स्वाति बल्लभराज जी, शरद सिंह जी, नन्दिता जी, तृप्ति
इन्द्रनील जी, संध्या तिवारी जी, पंछी जी, नन्ही रुनझुन, मुस्कान जी, श्रेया , उषा
जी,अवन्ति सिंह जी,शान्ति गर्ग जी,अलका सारवत जी, कविता रावत जी, उर्मि चक्रवर्ती जी, वामशी कृष्णा जी, अंजु (अनु) चौधरी जी, संध्या तिवारी जी, मंजु मिश्रा जी, मोनिका जैन 'मिष्टी'जी, नन्ही अक्षिता(पाखी),वाणी गीत जी, निवेदिता जी, मिनाक्षी पन्त जी, अरुणा कपूर जी, राधिका बी जी,अर्शिया अली जी...
आ०... रामेश्वर काम्बोज सर, रूपचंद्र शास्त्री मयंक सर,रविकर सर, राजेन्द्र स्वर्णकार सर, दिगम्बर
नासवा जी,अरुण कुमार निगम सर,कैलाश शर्मा सर,राकेश कुमार सर, धीरेन्द्र सर,नीरज
गोस्वामी सर,नवीन सी चतुर्वेदी जी, दिलबाग विर्क जी, महेन्द्र वर्मा सर,कुँअर
कुसुमेश सर,संजय मिश्रा ‘हबीब’ जी, सतीश सक्सेना सर, संजय भास्कर जी,सुनील कुमार
जी, सुरेन्द्र शुक्ला भ्रमर जी, एस एन शुक्ला सर, वीरुभाई सर, प्रेम सरोवर जी, मुकेश
कुमार सिन्हाजी,रवि रंजन जी, मधुरेश जी, यशवंत माथुर जी, कुमार राधारमण जी, आशीष
जी, उपेन्द्र नाथ जी,अरुण शर्मा जी, स्मार्ट इंडियन जी,सवाई सिंह राजपुरोहित जी,
प्रसन्नवदन चतुर्वेदी जी,लोकेन्द्र सिंह राजपूत जी, अभिषेक जी (अभि), पुरुषोत्तम
पाण्डेय सर, सुशील कुमार जोशी सर, आर रामकुमार सर,एस एम जी, विक्रम7 सर, बोलेतोबिंदास जी,ओंकार जी, विजय रंजन जी,बबन
पाण्डेय जी,उदयवीर सिंह जी, अमरेन्द्र अमर जी, मनीष सिंह निराला जी, नवीन मणि
त्रीपाठी जी, जाकिर अली रजनीश जी, विजय कुमार सप्पातीजी, अख्तर किदवई जी, सुभाष जी, सूत्रधार जी,सत्यम शिवम जी, जयंत साहू जी, सुशील कुमार जोशी जी, केशवेन्द्र जी, संजीव जी, राजपूत जी, त्रिलोक सिंह ठकुरेला जी, प्रकाश जैन जी, रजनीश तिवारी जी, डॉ सत्यवानजी, वनीत नागपालजी, राजीव कुमार जी, अक्षयमन जी, क्रिमसनफ्लेम जी, राजेन्द्र शर्मा विवेक जी, रतन सिंह शेखावत जी, सुमित मदान जी, विवेक जैन जी, विजय कुमार वर्मा जी, शिवम मिश्रा जी,शिवनाथ कुमार,आशीष जी,पंडित ललित मोहन कागडियाल जी...
तहेदिल से आपलोगों का शुक्रिया !!! आप सब को हार्दिक शुभकामनाएँ !!
अब मीठा के बाद कुछ नमकीन हो जाए---
चाट चटपटी
दो चीजें सबको
हैं भाती
चटपटी बात और चटपटी चाट
बात चटपटी अच्छी है लगती
पर वार वो तीखा भी करती
चाट चटपटी जिह्वा को जँचती
तीखी होती आँखों से बहती|
गोल-गोल काबुली के दाने
आलू-टिक्की पर सज जाते
उसपर खट्टी-मीठी इमली
फ़ैल-फै़ल सबको ललचाते
दही भी उसपर बहता रहता
चाट मसाला आने को कहता
लाल मिर्च की बुकनी छींट
हरी मिर्च भी गाती
गीत
हल्दीराम के सेव छिड़क दो
कटे केले की परत जमा दो
पात धनिया उसपर सजा दो|
इस चाट की
कोई सानी नहीं
खाकर जानो, बात ये बेमानी नहीं|
कई घंटे मुँह में बसी रहती
तीखी चटपटी बातें अक्सर
दिल में ज्यों फ़ँसी रहती
एक तीखी लगती जिह्वा को
एक तीखी लगती हृदय को
फिर भी मन क्यों भागता
इन चटपटों के ही पीछे-पीछे|
यह रचना पूर्व प्रकाशित है ...उस समय मैं ब्लॉग जगत में बिलकुल नई थी...इस पोस्ट की एक रोचक टिप्पणी देखिए
Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…
ऋता शेखर 'मधु' जी
सस्नेहाभिवादन !
हाए … क्यों पहुंचा मैं इस पोस्ट पर
गोल-गोल काबुली के दाने
आलू-टिक्की पर सज जाते
उसपर खट्टी-मीठी इमली
फ़ैल-फै़ल सबको ललचाते
दही भी उसपर बहता रहता
चाट मसाला आने को कहता
लाल मिर्च की बुकनी छींट
हरी मिर्च भी गाती गीत
हल्दीराम के सेव छिड़क दो
चटपटी चाट का मुझसे बड़ा शौक़ीन कौन होगा …
होठों पर जीभ फिराते-फिराते जैसे-तैसे पढ़ पाया हूं …
ऊऽऽऽ… यम्मी !
घरवाली से कह दिया है … शाम को चाट नहीं बनी तो भूख हड़ताल … :)
तो अपना तो बंदोबस्त हो गया … हे हेऽऽऽ… !!
चटपटी-मज़ेदार पोस्ट के लिए शुक्रिया !
…और अंत में आपको सपरिवार
बीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
यह रचना पूर्व प्रकाशित है ...उस समय मैं ब्लॉग जगत में बिलकुल नई थी...इस पोस्ट की एक रोचक टिप्पणी देखिए
Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…
ऋता शेखर 'मधु' जी
सस्नेहाभिवादन !
हाए … क्यों पहुंचा मैं इस पोस्ट पर
गोल-गोल काबुली के दाने
आलू-टिक्की पर सज जाते
उसपर खट्टी-मीठी इमली
फ़ैल-फै़ल सबको ललचाते
दही भी उसपर बहता रहता
चाट मसाला आने को कहता
लाल मिर्च की बुकनी छींट
हरी मिर्च भी गाती गीत
हल्दीराम के सेव छिड़क दो
चटपटी चाट का मुझसे बड़ा शौक़ीन कौन होगा …
होठों पर जीभ फिराते-फिराते जैसे-तैसे पढ़ पाया हूं …
ऊऽऽऽ… यम्मी !
घरवाली से कह दिया है … शाम को चाट नहीं बनी तो भूख हड़ताल … :)
तो अपना तो बंदोबस्त हो गया … हे हेऽऽऽ… !!
चटपटी-मज़ेदार पोस्ट के लिए शुक्रिया !
…और अंत में आपको सपरिवार
बीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
वर्षगाँठ में शामिल होने के लिए हार्दिक आभार,
शुक्रिया,धन्यवाद ,शुभकामनाएँ J)) आगे भी स्नेह-सद्भाव बनाए रखिएगा...
. ऋता शेखर ‘मधु’
शुक्रिया,धन्यवाद ,शुभकामनाएँ J)) आगे भी स्नेह-सद्भाव बनाए रखिएगा...
.