मेरी दीदी |
प्यारी बहन ऋता को सप्रेम भेंट
बरसों पहले मुझे मिली थी
प्यारी सी इक छोटी बहन
फूलों
सी वह कोमल थी
हर लेती थी सारी थकन|
रवि की ऊर्जा से भरी हुई
शीतल यूँ जैसे हो चाँदनी
मीठे बोल बिखराती हुई
धीर गंभीर जैसे मन्दाकिनी|
कहने को तो बहन है मेरी
है राज़दार जैसे हो सहेली
छोटी है पर अडिग ढाल सी
सुलझाती जाती जीवन की पहेली|
एक रीत बनाई ऋता ने
दिया जन्मदिन पर कविता उपहार
मैं भी शायद कुछ लिख पाऊँ
होगा यह तुम्हारा उपकार|
जिस चमन से तुम गुजरोगी
वहाँ बहार आ जाएगी
जिस राह पे पाँव रखोगी
खुशहाली छा जाएगी|
सितारों की झिलमिल किरणों से
सम्मान सौगात पाओगी
सोंच सागर से मोती चुन-चुन
ज्ञान जल से चमकाओगी|
ईश्वर से कामना यही है
सपने पूरे करें तुम्हारे
खुशहाल ज़िन्दगी पाओ तुम
होठों पे हँसी बनी रहे|
तुम्हारी दीदी
मेरी दीदी लेखिका नहीं ...मेरे लिए उन्होंने लिखा है...जन्मदिन का अनमोल तोहफा है यह मेरे लिए...
Thank You Didi
Thanks Bhai & Bhabhi
ऋता शेखर 'मधु'
ईश्वर से हमारी भी यही कामना है के आप दोनों में प्रेम और आपके जीवन में खुशियाँ दिनों-दिन बढती रहें.
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें.