‘‘गीत खुशियों के तुम गुनगुनाते रहो
राह में हर कदम मुस्कुराते रहो
चाँद सूरज से रौशन हो आँगन तुम्हारा
दीप- सा ही सदा जगमगाते रहो
गम भूल से भी आए न द्वारे कभी
बहार बन के तुम खिलखिलाते रहो
हैं पावन बहुत वेदों की ॠचाएँ
उनमें ही तुम सुर मिलाते रहो
कोलावरी की धुन भी सजाते रहोः)
कृपा- दृष्टि देवों की तुम पर रहे
आशीष बड़ों के तुम पाते रहो
रोली का टीका माथे पर सजे
केक काटते रहो और खिलाते रहो
जन्मदिन इस तरह तुम मनाते रहो’’
केक काटते रहो और खिलाते रहो
जन्मदिन इस तरह तुम मनाते रहो’’
मेरे लिए ‘हैप्पी बर्थ डे’ बोलना
सिर्फ औपचारिकता नहीं
यह दिन ले जाता है
उस पल में
जब तुम्हारे आने की
प्रथम आहट सुनी थी
मातृत्व का एहसास
पूर्णता का बोध
वह कोमल स्पर्श
‘माँ’ का प्रथम सम्बोधन
‘मैं
फर्स्ट आया’कहकर
लिपट जाना
आई आई टी की
सफलता
विक्ट्री साइन से बताना
और भी बाल सुलभ हरकतें
अब वक्त है
तुम्हारी सीख में
थोड़े परिवर्तन करूँ
सफलता के सोपान पर
नज़रें बेशक अगले स्टेप पर हों
पर प्रथम पायदान याद रखना
ईश्वर का नाम याद रखना
कदम भर भी जो साथ चले
उनके अरमान याद रखना
भूल से भी
दिल दुखे न किसी का
यह सदा ही ध्यान रखना
बुजुर्ग घरों की शोभा हैं
उनके सम्मान याद रखना
Many Many Happy Returns Of The Day
ऋता शेखर ‘मधु’
हमारा भी ढेर सा स्नेह और आशीष..............
जवाब देंहटाएंअनंत शुभकामनाएं.
सस्नेह
हैं पावन बहुत वेदों की ॠचाएँ
जवाब देंहटाएंउनमें ही तुम सुर मिलाते रहो
कोलावरी की धुन भी सजाते रहोः).... अनगिनत शुभकामनायें
मेरी तरफ से भी आशीष और बहुत-बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंवह कोमल स्पर्श
जवाब देंहटाएं‘माँ’ का प्रथम सम्बोधन
‘मैं फर्स्ट आया’कहकर
लिपट जाना,,,,,
बहुत२ बधाई शुभकामनाए,,,,,,
MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
एक माँ की तरफ से इतनी अच्छी शुभकामनाएं मिल जाए तो और क्या चाहिए..! बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ से भी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
अगणित शुभकामनायें और स्नेह.
जवाब देंहटाएंयही मातृत्व और वात्सल्य सुख है.
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं(अरुन =arunsblog.in)
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें!
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