बुधवार, 18 सितंबर 2019

मेरा हिन्दुस्तान, जग में बहुत महान है - सोरठे


सोरठे - हिन्दी पखवारा विशेष छंद

मेरा हिन्दुस्तान, जग में बहुत महान है।
हिन्दी इसकी जान, मिठास ही पहचान है।।

व्यक्त हुए हैं भाव, देवनागरी में मधुर।
होता खास जुड़ाव, कविता जब सज कर मिली।।

कोमलता से पूर्ण, अपनी हिन्दी है भली।
छोटे बड़े अपूर्ण, ऐसे तो न भेद करे।।

होता है व्यायाम, मूर्धा तालू कण्ठ का।
लेती क्ष त्र ज्ञ से काम, द्वि एकल जब साथ हुए।।

जब भी लगे हलन्त, व्यंजन स्वर से हो अलग।
जुटकर वर्णों के अंत, नवल वर्ण की नींव रखे।।

अपनी भाषा छोड़, क्यों इत उत दोलन करे।
जनमानस को जोड़, सद्भावों के पथ रचो।।

आत्मसात हो नित्य, वर्तनी शुद्धता से बढ़े।
हिन्दी का साहित्य, नित नए सोपान गढ़े।।

-- ऋता शेखर 'मधु'

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