आइए , हम सब मिलकर एक ऐसे भयमुक्त,स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज का निर्माण करें जहाँ हर माता पिता बे-ख़ौफ़ यह कामना कर सकें....'' तू आना मेरे देस मेरी लाडो ''...और हर लड़की ईश्वर से मांगे...'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजे'
सभी बेटियों , बहुओं , माताओं , भाभियों , गृहणी एवं कामकाजी महिलाओं को...महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...साथ ही एक नारा भी.....
साकार करो अपना सपना
पथ आप प्रशस्त करो अपना
किसी से कमतर तुम हो नहीं
फिर काहे का डरना छुपना
आज वुमेन्स डे है| नारी को सम्मान की दृष्टि से देखने का दिन है| नारी व्यथा अपनी जगह है| आज मैं लिखना चाहती हूँ कि समाज में हर ओर नारी के बढ़ते चरण अब यह साबित नहीं कर रहे कि वह दबी कुचली अबला नारी है| धरती से गगन तक, शिक्षण से औद्योगिकरण तक उनकी संख्या न्यून नहीं अधिकता की ओर बढ़ती जा रही है| यह सब सम्भव हो रहा है पिता, भाई, पति और पुत्र के सहयोग से ही| आज यदि हम फ़ेसबुक या इंटरनेट पर हैं, नौकरी के लिए बाहर निकल रहे हैं तो इसमें पुरुषों की सहमति और उनका सहयोग शामिल है| स्त्रियाँ घर से बँधी हैं तो पुरुष भी घर चलाने में उतना ही सहयोग देते हैं और घर से बँधे रहते हैं| विचार बदल रहे हैं, स्त्री शिक्षा से घर,समाज और देश उन्नति की ओर बढ़ रहा है| सभी एक दूसरे का सम्मान करें...किसी भी स्थान पर महिलाओं के साथ अभद्रता न हो, यही कामना है|
शुभकामनाएँ महिला दिवस के लिए...
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति रविवारीय चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंजी ...सार्थक विचार ...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंमहिलाओं की क्षमताओं का परिणाम - महिला दिवस
जवाब देंहटाएंन्याय-व्यवस्था सबके लिये बराबरी का माहौल देती है...बिना उसके सभी अशक्त और बेबस हैं...गुंडई और दबंगई से पुरुष भी कम त्रस्त नहीं हैं...शिक्षा और समाज का गहरा रिश्ता है...मेरी पत्नी की स्थिति मेरी माँ से बेहतर है और मेरी बेटी की उससे भी बेहतर होगी...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर विचार
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