रविवार, 5 फ़रवरी 2023

जब हम सीख लेते हैं

 निभ जाते हैं रिश्ते

जब हम सीख लेते हैं

दोषों को नजरअंदाज़ करना


जी लेते हैं तमाम उम्र

जब हम सीख लेते हैं

बेवज़ह ही मरना


मिलती है सफलता

जब हम सीख लेते हैं

समय पर काम करना


पा लेते हैं निदान

जब हम सीख लेते है

समस्याओं को पकड़ना


मिल जाते हैं रास्ते

जब हम सीख लेते हैं

निडरता से पग धरना


कुसुमित होती है बगिया

जब हम सीख लेते हैं

काँटों संग निखरना


निखर जाता है लेखन

जब हम सीख लेते हैं

भाव सुन्दर भरना


खिल जाते हैं चेहरे

जब हम सीख लेते हैं

मुसकानों से सँवरना


पास आती हैं खुशियाँ

जब हम सीख लेते हैं

प्रकृति के संग गुजरना


जिंदगी हो जाती खूबसूरत

जब हम सीख लेते हैं

प्रीत-डोर में ठहरना


जीत लेते हैं जमाना

जब हम सीख जाते हैं

हरसिंगार सा झरना

-- ऋता शेखर 'मधु'

10 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन जीने की कला सिखाती सुंदर रचना।

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  2. बांट देता हूं अक्सर उपहार में मुस्कानों को
    क्योकि यही तो बस बेमोल हैं बाकी सब ..तो मोल से मिलते हैं

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  3. वाह!!!
    क्या बात...लाजवाब सीख।

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  4. सुंदर भावों की अभिव्यक्ति दीदी

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