निभ जाते हैं रिश्ते
जब हम सीख लेते हैं
दोषों को नजरअंदाज़ करना
जी लेते हैं तमाम उम्र
जब हम सीख लेते हैं
बेवज़ह ही मरना
मिलती है सफलता
जब हम सीख लेते हैं
समय पर काम करना
पा लेते हैं निदान
जब हम सीख लेते है
समस्याओं को पकड़ना
मिल जाते हैं रास्ते
जब हम सीख लेते हैं
निडरता से पग धरना
कुसुमित होती है बगिया
जब हम सीख लेते हैं
काँटों संग निखरना
निखर जाता है लेखन
जब हम सीख लेते हैं
भाव सुन्दर भरना
खिल जाते हैं चेहरे
जब हम सीख लेते हैं
मुसकानों से सँवरना
पास आती हैं खुशियाँ
जब हम सीख लेते हैं
प्रकृति के संग गुजरना
जिंदगी हो जाती खूबसूरत
जब हम सीख लेते हैं
प्रीत-डोर में ठहरना
जीत लेते हैं जमाना
जब हम सीख जाते हैं
हरसिंगार सा झरना
-- ऋता शेखर 'मधु'
सुन्दर सीख
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर !
हटाएंजीवन जीने की कला सिखाती सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जिज्ञासा जी !
हटाएंबांट देता हूं अक्सर उपहार में मुस्कानों को
जवाब देंहटाएंक्योकि यही तो बस बेमोल हैं बाकी सब ..तो मोल से मिलते हैं
वाह ! सुंदर पंक्तियाँ ! धन्यवाद ऋतु जी !
हटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंक्या बात...लाजवाब सीख।
धन्यवाद सुधा जी !
हटाएंधन्यवाद सर !
जवाब देंहटाएंसुंदर भावों की अभिव्यक्ति दीदी
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