मित्रता दिवस पर आप सबको ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएँ...
आज मैं दो कविताएँ पोस्ट कर रही हूँ |
पहली कविता मैंने उस सहेली के लिए लिखी है जिसे मैंने इंटरनेट पर आने के बाद फेसबुक पर ढूँढा और छब्बीस सालों के बाद उससे सम्पर्क कर पाई|यह संयोग की बात है कि जुलाई महीने में उसके परिणय की रजत जयंती थी|मेरी दोस्त पेशे से चिकित्सक है|
पहली कविता मैंने उस सहेली के लिए लिखी है जिसे मैंने इंटरनेट पर आने के बाद फेसबुक पर ढूँढा और छब्बीस सालों के बाद उससे सम्पर्क कर पाई|यह संयोग की बात है कि जुलाई महीने में उसके परिणय की रजत जयंती थी|मेरी दोस्त पेशे से चिकित्सक है|
दूसरी कविता मैंने अपनी माता जी की सहेली के लिए लिखी है| मेरी माँ और उनकी सहेली एक ही विद्यालय में शिक्षिका थीं और उनका साथ लगातार तीस सालों का था| यह कविता मैंने बच्चों की और से उनके परिणय की
स्वर्ण जयंती के अवसर पर लिखा था|
[1]
शुभ-कामना
कुछ विस्मृत पल थे
कुछ मिटे चित्र थे
कुछ भूली बिसरी यादें थीं
उन यादों से निकल कर आई
प्यारी सी एक मेरी सखी
मानव सेवा में तत्पर
नव जीवन का कराती सृजन
जिस जगह हम साथ खड़े थे
वह पायदान था विद्यार्थी जीवन
ध्यान विज्ञान गृहज्ञान में माहिर
माला का हर मोती चमकाती
कर्म धर्म मित्रता की खातिर
सरल हृदय से वह जुट जाती
जीवन पथ पर संग सखी के
खड़े हैं उसके जीवन साथी
सफल वैवाहिक जीवन का
पच्चीस बसंत बन गया है साक्षी
रजत जयंती की शुभ घड़ी है आई
हृदय का हर कोना बोल रहा
बधाई, बधाई और सिर्फ बधाई
ऋता शेखर’मधु’
[2]
बधाई
हम नन्हें नन्हें परिंदे
चह चह कर यह कहते हैं
बरगद वृक्ष है हमारा बसेरा
दादा दादी के घर में रहते हैं
उनके वरद हस्त के छाँव तले
हम बेफ़िक्र विचरते रहते हैं
कभी मनाया था हमने भी
दादा दादी की स्वर्ण जयंती
आशीर्वादों से उन दोनों ने
भर दी थी हम सब की झोली
सदा ही सुनी आपकी चर्चा
‘श्रद्धा’ से नतमस्तक रहते हैं
‘सात्त्विक चेतना’जागृत हो
यही कामना करते हैं
आज आपके परिणय की
स्वर्ण जयंती है आई
हम बच्चे समवेत स्वर में
दे रहे आपको बहुत बधाई
पापा मम्मी बूआ चाचा
सब शुभकामना दे रहे
पाँच दशक का साथ आपका
दस दशक में परिणत हो
हमारी दादी माँ कह रहीं
सर्वत्र सर्वदा शुभ ही शुभ हो|
नन्हें परिंदे
(ऋता शेखर ‘मधु’ के सौजन्य से)
सुखद कविताएं । बरसों बाद कोई पुराना मित्र मिल जाए तो क्या कहना ! जन्नत की नियामत एक तरफ़ और दोस्त का प्यार उससे भी उपर दूसरी तरफ़ ।
जवाब देंहटाएंarsa laga ki prem me pagi hai ye kavitayen saheli jab bhi mile atmiyata kam nahi hoti hai.
जवाब देंहटाएंaapki saheli ko kavita kaesi lagi th?
humko to bahut hai payri lagi
rachana
mitrata diwas par aapki mitra ke liye ye kavita uphaar hai. dono rachnaayen bahut achhi hai, badhai.
जवाब देंहटाएंपुरानी सहेली के लिए आपका मित्रता भाव दिख रहा है|
जवाब देंहटाएंमित्रता में है
भाव समर्पण का
मित्र ही जानें
Happy Friendship Day
दोनों रचनाएँ बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब लगा! बेहतरीन प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस पर आपको हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
मित्रता दिवस पर आपकी और आपकी माताजी की सहेली को इससे बेहतर और क्या उपहार हो सकता था...।
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई ।
प्रियंका
दोनों रचनायें बहुत उम्दा...दे से सही- मित्रता दिवस पर आपको हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंफ्रेंडशिप डे ' की आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ ..... |
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