1.
न देखा है राम को न ही कृष्ण को देखा|
सिर्फ़ नाम जपने से बदले विधि का लेखा|
सिर्फ़ नाम जपने से बदले विधि का लेखा|
मौत शरीर की होती नाम कभी न मरता,
नाम न बदनाम हो, बने ऐसी ही रेखा|
नाम न बदनाम हो, बने ऐसी ही रेखा|
2.
आँख का अंधा नाम नयन सुख|
कड़वी है बोली नाम मृदुमुख|
नाम जैसा व्यवहार चाल हो,
नाम जैसा व्यवहार चाल हो,
तभी कोई बन जाता मनसुख|
3.
अंतरजाल की दुनिया में हम सभी एक नाम हैं|
जैसे भक्ति के संसार में एक राम एक श्याम हैं|
कोई किसी से न मिले न कोई सुने किसी के बोल,
नाम से ही चल रहे फ़ेसबुक के ग्रुप अविराम है|
जैसे भक्ति के संसार में एक राम एक श्याम हैं|
कोई किसी से न मिले न कोई सुने किसी के बोल,
नाम से ही चल रहे फ़ेसबुक के ग्रुप अविराम है|
4.
करके हमको माफ, राम अब तो सुधि लीजे|
मन में भरा अज्ञान, थोड़ी भक्ति तो दीजे|
तुम बिन मिले न थाह, भव का सिंधु है गहरा,
ऐसा कर दो आप, हो सुविचार का पहरा|
मन में भरा अज्ञान, थोड़ी भक्ति तो दीजे|
तुम बिन मिले न थाह, भव का सिंधु है गहरा,
ऐसा कर दो आप, हो सुविचार का पहरा|
5.
ममता भरा आँचल सुहाना, गोद में संसार है|
संतान की हरती बलाएँ, त्याग अपरम्पार है||
माता, सदा हो हाथ सिर पर, सोख लो मेरी नमी|
प्रभु की जगह तुम हो धरा पर, कौन सी है फिर कमी||
6.
टूटे दिलवालों ने जब भी 'आह ' कहा|
मुस्कुराकर जमाने ने हमेशा 'वाह' कहा|
सर्द हो जम सी गई जब वेदनाएँ सारी ,
दुनिया ने उसे कविता का 'प्रवाह'कहा|
7.
लक्ष्मण रेखा पार कर हरी गई परिणीता
वेदना में भर राम पुकारें हा सीता! हा सीता!
करुणा से व्यथित हुआ जंगल का हर कोना
शोकाकुल वनवासी को जग लगे रीता रीता|
.......................ऋता
वेदना में भर राम पुकारें हा सीता! हा सीता!
करुणा से व्यथित हुआ जंगल का हर कोना
शोकाकुल वनवासी को जग लगे रीता रीता|
.......................ऋता
भाव पूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति..मेरे दोनो ब्लांग में स्वागत है.आप का.ऋता.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंउत्तम भाव लिए सुन्दर मुक्तक ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: मजबूरी गाती है.
बढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया-
गहन भाव लिए बहुत ही बेहतरीन रचनाएं ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत ही गहन और सुन्दर ।
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