शनिवार, 31 मई 2014

पलकों तले ख्वाब सजाए रखना

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पलकों तले ख्वाब सजाए रखना
कोमल जज्बात जगाए रखना
यथार्थ का धरातल है बड़ा कठोर
अशकों के मोती छुपाए रखना
सबकुछ ही मिले मुमकिन तो नहीं
जो मिल गया वो बचाए रखना
समुन्दर में लहरें आती ही रहेंगी
मजबूती से साहिल टिकाए रखना
आँधियों ने किसी को भी छोड़ा नहीं
दीपक की लौ को जलाए रखना
......ऋता

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