रंगीन सफ़ेद
इन्द्र के नीरद बरस चुके
पारदर्शक बूँदें हैं कुछ शेष|
दिवाकर की किरण निस्तेज
विकर्ण हों बिखेरें रंग विशेष|
दूर क्षितिज पर चमक रहा
सतरंगी इन्द्रधनुष का तेज|
सात रंगों की सात कहानी
कहता मनभावन अर्धवृत|
मानस पटल पर उकेर रहा
हर रंग के कुछ कुछ चित्र|
बैंगनी का है गाढ़ा रंग
कहता जीवन नहीं बेरंग|
गाढ़े नीले की गहराई
राम, श्याम के मन को भाई|
हल्के नीले की चतुराई
नभ, सागर में जा समाई|
हरा समृद्धि का द्योतक
सावन, वनस्पति पर छाई|
पीला रंग बसंत का
क्यारी क्यारी में लहराई|
नांरंगी चमकी नवयुवकों में
देशभक्ति का भाव जगाने आई|
लाल की लाली निराली
क्रोध और कुर्बानी सिखलाई|
सात रंगों का समावेश
श्वेत रंग की शांति लाई|
सप्त वर्ण बनकर सफ़ेद
अमन का संदेश सुनाने आई|
सात रंग के सात किरण
सूर्य-किरण से निकल कर आईं|
सात किरण सात अश्व हैं
भास्कर रथ चलाने आई|
सफ़ेद रंग सबसे रंगीन
न्यूटन की चकरी समझाने आई|
न्यूटन की चकरी में होते
इन्द्रधनुष के सात रंग
वेग से जब नाचते
दिखते सिर्फ़ और सिर्फ़ रंग सफ़ेद|
ऋता शेखर ’मधु’
मंगल कामनाएं आपके लिए ...!!
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंसात रंगों की अप्रतिम व्याख्या
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसात रंगो की सतरंगी रचना..बहुत सुन्दर.नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंekdam indrdhanush jaisi kavita.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.... व्याख्या
जवाब देंहटाएंसात रंगों की.......नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
फुर्सत मिले तो ...मुस्कुराहट पर ज़रूर आईये
सुंदर सतरंगी रचना
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