मंगलवार, 1 जनवरी 2013

रंगीन सफ़ेद


रंगीन सफ़ेद

इन्द्र के नीरद बरस चुके
पारदर्शक बूँदें हैं कुछ शेष|                        
दिवाकर की किरण निस्तेज
विकर्ण हों बिखेरें रंग विशेष|
दूर क्षितिज पर चमक रहा
सतरंगी इन्द्रधनुष का तेज|      
सात रंगों की सात कहानी
कहता मनभावन अर्धवृत|
मानस पटल पर उकेर रहा
हर रंग के कुछ कुछ चित्र|

बैंगनी का है गाढ़ा रंग
कहता जीवन नहीं बेरंग|
गाढ़े नीले की गहराई
राम, श्याम के मन को भाई|
हल्के नीले की चतुराई
नभ, सागर में जा समाई|
हरा समृद्धि का द्योतक
सावन, वनस्पति पर छाई|
पीला रंग बसंत का
क्यारी क्यारी में लहराई|
नांरंगी चमकी नवयुवकों में
देशभक्ति का भाव जगाने आई|
लाल की लाली निराली
क्रोध और कुर्बानी सिखलाई|

सात रंगों का समावेश
श्वेत रंग की शांति लाई|
सप्त वर्ण बनकर सफ़ेद
अमन का संदेश सुनाने आई|
सात रंग के सात किरण
सूर्य-किरण से निकल कर आईं|
सात किरण सात अश्व हैं
भास्कर रथ चलाने आई|

सफ़ेद रंग सबसे रंगीन
न्यूटन की चकरी समझाने आई|
न्यूटन की चकरी में होते
इन्द्रधनुष के सात रंग
वेग से जब नाचते
दिखते सिर्फ़ और सिर्फ़ रंग सफ़ेद|

              ऋता शेखर मधु

8 टिप्‍पणियां:

  1. वाह! बहुत सुन्दर...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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  2. सात रंगों की अप्रतिम व्याख्या

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  3. सात रंगो की सतरंगी रचना..बहुत सुन्दर.नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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  4. बहुत सुन्दर.... व्याख्या
    सात रंगों की.......नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

    फुर्सत मिले तो ...मुस्कुराहट पर ज़रूर आईये

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