मिलेंगी मंजिलें तुम चलो तो सही
मिटेंगे फ़ासले तुम बढ़ो तो सही
असम्भव कुछ नहीं आजमा लो कभी
जुटेंगे हौसले तुम रखो तो सही
खिलेंगे फिर चमन यह न भूलो कभी
उठा के फ़ावड़े तुम बढ़ो तो सही
सवालों में घिरे तो बढ़ोगे नहीं
बुलंदी के कदम तुम रखो तो सही
हमारी ज़िन्दगी और हक़ वे रखें
वजूदों के लिए तुम लड़ो तो सही
ज़रूरतमंद भी राह में हैं खड़े
सहारा बन कभी तुम चलो तो सही
कभी फितरत किसी की बदलती नहीं
न उनके मुँह लगो तुम हँसो तो सही
बनाया है ख़ुदा ने इक जन्नत वहाँ
करम ले के भले तुम चलो तो सही
................ऋता शेखर 'मधु'.......
................ऋता शेखर 'मधु'.......
खिलेंगे फिर चमन यह न भूलो कभी
जवाब देंहटाएंउठा के फ़ावड़े तुम बढ़ो तो सही ..
सटीक ... सच कहा है ... उठके आगे बढ़ने ओर मेहनत से जरूर बदलाव आता है ...
हमारी ज़िन्दगी और हक़ वे रखें
जवाब देंहटाएंवजूदों के लिए तुम लड़ो तो सही
...बहुत खूब! बहुत सुन्दर और प्रेरक रचना...
एक कदम बढ़ाने की ज़रूरत है ॥बस मंज़िल मिल ही जाएगी ... सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबढ़िया ग़ज़ल है ऋता दी.....
जवाब देंहटाएंइसे कविता का लेबल क्यूँ दिया ??
सस्नेह
अनु
अनु...ग़ज़ल का लेबल भी डाल दिया|
हटाएंलिखा था ग़ज़ल ही सोचकर ...फिर लगा कि पता नहीं यह ग़ज़ल के नियम संतुष्ट कर पा रहा है या नही...आपने लिख दिया तो संतुष्टि मिलीः)
sundar gazal "mil ke patthro ki jururat nahi,jana kidhar hai magar jante hain"
जवाब देंहटाएंचलना तो होगा ही गर मंजिल की चाह है तो
जवाब देंहटाएंकोई और रास्ते नहीं बनाता
खुद रास्ते बनाओ ... चलो तो सही
खूब.... हौसला बढ़ाती पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि क़ी चर्चा सोमवार [22.4.2013] के 'एक गुज़ारिश चर्चामंच' 1222 पर लिंक क़ी गई है,अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए पधारे आपका स्वागत है |
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ..
आभार सरिता जी !!
हटाएंहमारी ज़िन्दगी और हक़ वे रखें
जवाब देंहटाएंवजूदों के लिए तुम लड़ो तो सही
वाह ... बहुत खूब कहा आपने ....
चलना ही जीवन है चलो तो सही..
जवाब देंहटाएंकभी फितरत किसी की बदलती नहीं
जवाब देंहटाएंन उनके मुँह लगो तुम हँसो तो सही...वाह बहुत खूब..
शुक्रिया कुलदीप जी!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब रचना | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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मिलेंगी मंजिलें तुम चलो तो सही
जवाब देंहटाएंमिटेंगे फ़ासले तुम बढ़ो तो सही---वाह! बहुत खूब
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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बहुत खूब ........खूबसूरत फलसफे ज़िन्दगी के
जवाब देंहटाएंअसम्भव कुछ नहीं आजमा लो कभी
जवाब देंहटाएंजुटेंगे हौसले तुम रखो तो सही------
मन में आत्मबल पैदा करती
सन्देश देती सुंदर रचना
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
जिंदगी का सार समेटा है इस प्रस्तुति में.
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