आसमाँ में टूटता एक सितारा देखा
दुआ माँगता हुआ एक बेचारा देखा
सबको ही पड़ी है अपनी अपनी
किसी के लिए न कोई सहारा देखा
ज़िन्दगी की जंग कभी होती नहीं आसान
जीतने की जिद में दौड़ता एक हरकारा देखा
दिल हथेली पर लिए घूमता था वो
किरचों को चुनता प्यार का मारा देखा
चुप रहकर जिएँ तो जिएँ कैसे
बिन बोले होता नहीं गुजारा देखा|
...................ऋता
दुआ माँगता हुआ एक बेचारा देखा
सबको ही पड़ी है अपनी अपनी
किसी के लिए न कोई सहारा देखा
ज़िन्दगी की जंग कभी होती नहीं आसान
जीतने की जिद में दौड़ता एक हरकारा देखा
दिल हथेली पर लिए घूमता था वो
किरचों को चुनता प्यार का मारा देखा
चुप रहकर जिएँ तो जिएँ कैसे
बिन बोले होता नहीं गुजारा देखा|
...................ऋता
बहुत सुन्दर रचना है दी....
जवाब देंहटाएंआसमाँ में टूटता एक सितारा देखा
विश माँगता हुआ एक बिचारा देखा
यहाँ अगर विश की जगह "दुआ मांगता हुआ एक बेचारा देखा" कर दें तो ??
गुस्ताखी माफ़ :-)
सादर
अनु
कर दिया अनु...शुक्रियाः)
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा कल्पना !
जवाब देंहटाएंLatest post हे निराकार!
latest post कानून और दंड
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएं:-)
सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह बहुत ही खुबसूरत |
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत रचना हैं |सुंदर ब्लॉग -
जवाब देंहटाएं“अजेय-असीम{Unlimited Potential}”
दिल हथेली पर लिए घूमता था वो
जवाब देंहटाएंकिरचों को चुनता प्यार का मारा देखा...
लाजवाब !