सोमवार, 14 अक्तूबर 2013

189.श्रीराम सियाजी को लाने चले...













वैदेही को वापस पाने चले
श्रीराम सियाजी को लाने चले|

श्रीलंका में बैठी सीता
सब कुछ लगता रीता रीता
व्याकुल रघुपति बिन परिणीता
वैदेही को वापस पाने चले
श्रीराम सियाजी को लाने चले|

सिंधु को पुकारकर
वरुण को ललकार कर
धनुष को टंकारकर
वैदेही को वापस पाने चले
श्रीराम सियाजी को लाने चले|

करके भगवती का वंदन
अर्पित किए पद्म अरु चंदन
लेके संग अनुज रघुनंदन
वैदेही को वापस पाने चले
श्रीराम सियाजी को लाने चले|

शिव जी का पाकर आशीष
पुलकित हुए कोशलाधीश
लंकापति का उड़ाए शीश
वैदेही को वापस पा ही गए
श्रीराम सियाजी संग आ ही गए|
................ऋता

9 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन,बहुत सुंदर गीत !
    विजयादशमी की शुभकामनाए...!

    RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.

    जवाब देंहटाएं
  2. जय श्री राम....
    बहुत ही बेहतरीन रचना...
    :-)

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर रचना .
    नई पोस्ट : रावण जलता नहीं
    विजयादशमी की शुभकामनाएँ .

    जवाब देंहटाएं
  4. इस पोस्ट की चर्चा, मंगलवार, दिनांक :-15/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -25 पर.
    आप भी पधारें, सादर ....राजीव कुमार झा

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है...कृपया इससे वंचित न करें...आभार !!!