जी लेने की ललक
जीत लेने की ललक
जीत लेने की ललक
पा लेने को फलक
छा जाने को फलक
छा जाने को फलक
भीग जाता है हलक
सूख जाता है हलक
सूख जाता है हलक
नैन जाते हैं छलक
बात जाती है छलक
बात जाती है छलक
मूँद जाती है पलक
ठहर जाती है पलक
ठहर जाती है पलक
प्रीत आती है ढलक
आस जाती है ढलक
आस जाती है ढलक
ऐ जिंदगी तेरी झलक
ले जायेगी कहाँ तलक
ले जायेगी कहाँ तलक
विश्व कविता दिवस पर--ऋता
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (26-03-2016) को "होली तो अब होली" (चर्चा अंक - 2293) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'