जब छाए मन व्योम पर, पीर घटा घनघोर|
समझो लेखन बढ़ चला, इंद्रधनुष की ओर||
दिशा हवा की मोड़ते, हिम से भरे पहाड़।
हिम्मत की तलवार से, कटते बाधा बाड़।।
खुशी शोक की रागिनी, खूब दिखाते प्रीत।
जीवन के सुर ताल पर, गाये जा तू गीत।।
शब्द शब्द के मोल हैं, शब्द शब्द के बोल।
मधुरिम बात विचार से, शब्द हुए अनमोल||
नफऱत कभी न कीजिये, ना कीजे अभिमान।
घुन समान खोखल करे, मन के सारे ज्ञान।।
हरे भरे मन खेत पर, उगे ज्ञान का धान।
छल के खरपतवार से, कुंठित होता मान।।
जग के माया मोह में, आते खाली हाथ।
सखा बना लो पुण्य को, वही चलेंगे साथ।।
आत्मबोध जागृत रहे, कर में हो संघर्ष|
आत्मशक्ति लिखती रही, जीवन का उत्कर्ष||
भाई है इक छोर पर, बहना दूजी ओर|
ये मीलों की दूरियाँ, पाटें रेशम डोर||
लिखने को तो सब लिखें, रचते हैं कुछ चंद।
छोड़े गहरी छाप जो, वही है प्रेमचंद।।
ज्ञानी ध्यानी नम्र हो, फिर भी करना शोध।
छीने आधी बुद्धि को, तेरा अपना क्रोध ।।
बात बात पर दे रहे, फूलों की सौगंध।
बगिया मुरझाने लगी, खोकर अपनी गंध।
बहु रंगों को धारता, कृष्ण मयूरी पंख।
श्याम दरस की आस से , विकल बजावे शंख।।
अफ़रातफ़री से कहाँ,होते अच्छे काम।
सही समय पर ही लगे,मीठे मीठे आम||
समझो लेखन बढ़ चला, इंद्रधनुष की ओर||
दिशा हवा की मोड़ते, हिम से भरे पहाड़।
हिम्मत की तलवार से, कटते बाधा बाड़।।
खुशी शोक की रागिनी, खूब दिखाते प्रीत।
जीवन के सुर ताल पर, गाये जा तू गीत।।
शब्द शब्द के मोल हैं, शब्द शब्द के बोल।
मधुरिम बात विचार से, शब्द हुए अनमोल||
नफऱत कभी न कीजिये, ना कीजे अभिमान।
घुन समान खोखल करे, मन के सारे ज्ञान।।
हरे भरे मन खेत पर, उगे ज्ञान का धान।
छल के खरपतवार से, कुंठित होता मान।।
जग के माया मोह में, आते खाली हाथ।
सखा बना लो पुण्य को, वही चलेंगे साथ।।
आत्मबोध जागृत रहे, कर में हो संघर्ष|
आत्मशक्ति लिखती रही, जीवन का उत्कर्ष||
भाई है इक छोर पर, बहना दूजी ओर|
ये मीलों की दूरियाँ, पाटें रेशम डोर||
लिखने को तो सब लिखें, रचते हैं कुछ चंद।
छोड़े गहरी छाप जो, वही है प्रेमचंद।।
ज्ञानी ध्यानी नम्र हो, फिर भी करना शोध।
छीने आधी बुद्धि को, तेरा अपना क्रोध ।।
बात बात पर दे रहे, फूलों की सौगंध।
बगिया मुरझाने लगी, खोकर अपनी गंध।
बहु रंगों को धारता, कृष्ण मयूरी पंख।
श्याम दरस की आस से , विकल बजावे शंख।।
अफ़रातफ़री से कहाँ,होते अच्छे काम।
सही समय पर ही लगे,मीठे मीठे आम||
--ऋता शेखर 'मधु'
बहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंवाह सुन्दर दोहे
जवाब देंहटाएंशिक्षाप्रद दोहे
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