वक्त की झुर्रियाँ
आज फेसबुक पर सर्फिंग करते हुए अरुण बाबू अचानक लालिमा जी की प्रोफाइल पर पहुँच गए| उसने प्रोफाइल पर वही पिक लगा के रखा था जो चालीस साल पहले कॉलेज के पहचान पत्र पर था इसलिए नजर पड़ते ही अरुण बाबू पहचान गए| जल्दी जल्दी पूरी प्रोफाइल खंगाल डाले पर सिर्फ वही तस्वीर देख पाए| शायद प्राइवेसी सेटिंग थी या फिर वह कोई पोस्ट नहीं डालती थी|
अरुण बाबू ने मेसेज में लिखा,’ यदि मैं गलत नहीं हूँ तो तुम लालिमा ही हो न| इस तरह अचानक कॉलेज छोड़कर क्यों चली गई थी|” मेसेज भेजकर पुरानी यादों में खो गए जब लालिमा की खूबसूरती दोस्तों के बीच चर्चा का विषय थी| लालिमा मेसेज देखेगी भी या नहीं इसमें संदेह था कि अचानक मेसेज देख लेने का संकेत दिखा| अरुण बाबू उत्तर का इन्तेजार करने लगे|
‘आप कौन’ अचानक मेसेज बॉक्स की लाल बत्ती जल गई|
‘मैं अरुण जिसके नोट्स तुम्हें बहुत पसंद थे’|
कुछ देर बातें होती रहीं| अरुण बाबू ने लालिमा जी को हैंग आउट पर आने को कहा| उनकी कल्पना में वही बाइस साल की लालिमा की तस्वीर घूम रही थी| तभी लालिमा जी टैबलेट पर दिखने लगीं| दोनों दोस्तों ने एक दूसरे को देखा| कुछ देर देखते रहे फिर ठठाकर हँस पड़े|
‘’उम्र के इस पड़ाव पर भी कल्पना पुरानी है मगर झुर्रियाँ भी सुखद हैं’’ अरुण बाबू ने हँसते हुए कहा|
--ऋता शेखर "मधु"
फेसबुक की प्रतिक्रियाएँ
१ वाह, वाह।खूब बढ़िया लिखा आपने।मनभावन कथा।बधाई हो सुन्दर लेखन हेतु।–गीता सिंह
२. Behad sundar ehsaso ki mala Piro di aap nai-कुलविंदर सिंह
३. अत्यंत लुभावनी कथा ,हार्दिक बधाई ऋता शेखर 'मधु' जी-अर्चना त्रिपाठी
४. समय के साथ चेहरा बदल गया लेकिन मन के भाव नहीं, बहुत बढ़िया| बधाई इस सुंदर रचना के लिए-विनय कुमार
५. फेसबुक में झुर्रीदार सुखद मिलन, नये कलेवर में अच्छी रचना। बधाई।रूपेंन्द्र सामंत
६. वाह ख्वाबों की तस्वीर सदा जवांरहती है समय का प्रभाव नही पडता है यादों पर सुन्दर भाव वाली रचना बधाई ऋता जी-जितेंद्र गुप्ता
७. बहुत बढ़िया रचना बनी है चित्र के भाव को देखते हुए, कही भी ऐसा नहीं लगता कि रचना को जबरन लिखा गया हो ....... बधाई स्वीकार करे ऋता शेखर जी—वीरेंद्र वीर मेहता
८. बहुत सुंदर अंत के साथ एक बढ़िया कथा-जानकी वाही
९. अक्सर पुराना कोई दोस्त मिलता है तो ज़ेहन में उसका वही बरसों पुराना रूप समाया रहता है, अरसे बाद मिले मित्र में आये परिवर्तन खुद को भी उम्रदराज़ होने का अहसास करा जातें ,, बेहद सुन्दर रचना चित्र पर,----महिमा वर्मा
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