गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

कोरोना काल-१ सखी आस दीपक जलाना है

Coronavirus End one day But will change the world in many ways ...

घरों में रहें, ये बताना है
हमें वायरस को हराना है

कहें लोग, है जीव बाहर का
नहीं यान से घर बुलाना है

विषाणु खतरनाक हैं देखो

उसे तो सभी को मिटाना है

बिना हाथ धोए न छूना तन
वहीं पर उसका ठिकाना है

घुसे कंठ में आँख कानों से
इसी रास्ते को छुपाना है

करे जो ख़ुराफ़ात कोरोना
गरम नीर पीकर डुबाना है

न नजदीक जाएँ किसी के भी
सभी को नियम यह निभाना है

करें सैनिटाइज हरिक चीजें

उसे इस तरह से भगाना है

वहीं आततायी बना कोविड
बना फेफड़ों का दिवाना है

हुए संक्रमित धैर्य रखना प्रिय
समय से उसे भाग जाना है

नहीं शर्म की बात है इसमें
समाधान से ही हटाना है

हुए लॉकडाउन प्रदेशों में
दवा खाद्य फिर भी जुटाना है

घरों से करें काम दफ़्तर के
हुआ आज कैसा जमाना है

मदद कर सकें हम गरीबों की
यही भाव मन में बिठाना है

यदि आस या पास हो कोई
बुलाकर उसे भी जिमाना है

भयंकर हुआ मौत का तांडव
सतर्क रह उसे भी घटाना है

ढकें मास्क से चेहरा अपना
हमें तो उसे बस छकाना है

लड़ाई चलेगी अभी लम्बी
सखी आस दीपक जलाना है 

जहर जो भरे जा रहे हैं मनु
अमृत से उसे भी हटाना है

नहीं प्रेम का काट दुनिया में
मिलेगी सफलता, दिखाना है

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@ऋता शेखर 'मधु'

2 टिप्‍पणियां:

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