नए वर्ष की प्रथम पोस्ट के रूप में गुलाब पर आधारित रचना पेश है.....आप सभी का जीवन गुलाब जैसा कोमल हो और गुलाब की खुश्बू जैसे रिश्ते अपनी सुगंध बिखेरते रहें...शुभकामनाएँ सभी को !!
गुलाब......
खुश्बू संग रंग भी देखो|
जीवन की तरंग भी देखो|
बीच कंटकों के पनप रहा,
गुलाब की उमंग भी देखो|
फूल देते हाथ भी देखो|
दोस्तों का रुआब भी देखो|
किया है स्वीकार जब इसको,
निभाने का ख्वाब भी देखो|
चाचा की लिबास भी देखो|
सुरभित एहसास भी देखो|
गुलाब से कोमल हों बच्चे
जवाहर की आस भी देखो|
पुष्प की मधुर ताजगी भी देखो|
काँटों की नाराजगी भी देखो|
देवताओं के शीश है सोहता,
गुलाब की पाकीज़गी भी देखो|
................ऋता
प्यारी सी रचना!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं!
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंनववर्ष शुभ हो मंगलमय हो !
गुलाब बढ़ाते हाथ भी देखो|
जवाब देंहटाएंदोस्तों का रुआब भी देखो|
स्वीकार किया है जब इसे,
निभाने का ख्वाब भी देखो|
वाह , बहुत सुंदर !!
पँखुड़ियों की ताजगी भी देखो|
जवाब देंहटाएंकाँटों की नाराजगी भी देखो|
देवों के सिर को सोहता,
गुलाब की पाकीजगी भी देखो |
नव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाए...!
RECENT POST -: नये साल का पहला दिन.
गुलाबी मधुर गुंजन ने मन गुलाब गुलाब कर दिया.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ऋतू शेखर जी.
बहुत आभार शास्त्री सर !!
जवाब देंहटाएंगुलाब की खूबसरती और सुवास ने मन को मोह लिया ...सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंनया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
नई पोस्ट नया वर्ष !
बहुत खूबसूरत गुलाब की सी महक समेटे पोस्ट |
जवाब देंहटाएंसब तरफ गुलाब की गुलाब होगया..गुलबी रंगत लिए खुबसुरत रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी और सुन्दर रचना...नववर्ष कि बहुत-बहुत शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएं:-)