गीत....
हे नारायण दयामना
शीश नवा मैं करूँ प्रार्थना
शीश नवा मैं करूँ प्रार्थना
दे दो भक्ति का भंडार
तो मैं गीत तुम्हारे गाऊँ|
पितृ भक्ति में राम बनूँ
मधुर भाव सुर श्याम बनूँ
हर लो नैनों से जलधार
तो मैं गीत तुम्हारे गाऊँ|
मीत कहूँ मन बसे राधिका
प्रीत रचे मीरा सी साधिका
रच दो आशा का आधार
तो मैं गीत तुम्हारे गाऊँ|
नवल वर्ष में हर्ष नवल
मन सरित में खिले कँवल
भर दो दिल में दया अपार
तो मैं गीत तुम्हारे गाऊँ|
बन नीलकंठ धारुँ गरल
सहज बोल व्यवहार सरल
गढ़ दो खुशियों का संसार
तो मैं गीत तुम्हारे गाऊँ|
प्रभु मैं गीत तुम्हारे गाऊँ|
.............ऋता
वाह बहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआभार
सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत |
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट सर्दी का मौसम!
नई पोस्ट लघु कथा
बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली गीत !!
जवाब देंहटाएंऐसे ही लिखा करो , गीतों को ताकत दीजिये :)