चुप रहो
‘’ममा, आप आधे घंटे से रसोई में हो और टीवी यूँ ही चल रहा है| आप बन्द करके जाया करो|’’
‘’चुप रहो’’
‘’पापा जी, बिना पंखा बन्द किए आप बाहर चले गए| मैम ने कहा है बिजली बचाना चाहिए|’’
‘’चुप रहो’’
‘’अंकल, बाल्टी में पानी भर कर बाहर बह रहा, हर बूँद पानी की बचाना चाहिए|’’
‘’चुप रहो’’
‘’आंटी, आप पाइप लगाकर ऐसे नहीं छोड़ा कीजिए| जब समय हो आपके पास तभी गमलों में और फूल में पानी डालिए|’’
‘’चुप रहो’’
‘’भइया, सड़क पर चिप्स के रैपर नहीं फेंको|’’
‘’चुप रहो’’
सात साल की नंदिता चुप हो गई| मगर वह खुद यह सब नहीं करती|
----ऋता---
‘’चुप रहो’’
‘’पापा जी, बिना पंखा बन्द किए आप बाहर चले गए| मैम ने कहा है बिजली बचाना चाहिए|’’
‘’चुप रहो’’
‘’अंकल, बाल्टी में पानी भर कर बाहर बह रहा, हर बूँद पानी की बचाना चाहिए|’’
‘’चुप रहो’’
‘’आंटी, आप पाइप लगाकर ऐसे नहीं छोड़ा कीजिए| जब समय हो आपके पास तभी गमलों में और फूल में पानी डालिए|’’
‘’चुप रहो’’
‘’भइया, सड़क पर चिप्स के रैपर नहीं फेंको|’’
‘’चुप रहो’’
सात साल की नंदिता चुप हो गई| मगर वह खुद यह सब नहीं करती|
----ऋता---
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (28-05-2016) को "आस्था को किसी प्रमाण की जरुरत नहीं होती" (चर्चा अंक-2356) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'