शुक्रवार, 18 मई 2018

माँ 😍

माँ 💕😍💐

भ्रुण में धड़कन भरती माँ
रग रग में है बहती माँ
रौशन कुल का दीपक हो
तन की पीड़ा सहती माँ
बाहों के झूले में रखकर
लोरी सुन्दर गहती माँ
रोटी के हर टुकड़े पर
अनगिन किस्से गढ़ती माँ
पग के नीचे पुष्प मिलें
पथ पर चुप से झरती माँ
सिर के ऊपर छाँव मिले
आँचल उनपर धरती माँ
कुछ माँगो झट ला देती
किस कारण से खटती माँ
डाँट डपट की बोली को
याद कभी ना रखती माँ
बाहर से आती थक कर
खाना में फिर पकती माँ
पानी सबको देती है
खुद प्यासी ही रहती माँ
तुलसी चौरा के दीये में
बाती बनकर जलती माँ

उम्र ढली कमजोर बनी
पानी पानी रटती माँ
हर आहट पर द्वार तके
अपने पूतों में बंटती माँ
रग रग में है दर्द भरा
मौन बनी सब सहती माँ
सबकी खातिर हँसती है
अपनी पीड़ा ढकती माँ
उत्सव में भूखी प्यासी
रसगुल्लों को तकती माँ

प्रेम पगी बोली सुनकर
आशीषों से भरती माँ
-ऋता
सभी पुत्र पुत्रियों को
Happy Mother's Day 🌸🌸😍😊

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (20-05-2018) को "वो ही अधिक अमीर" (चर्चा अंक-2976) (चर्चा अंक-2969) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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