शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021

समय कठिन है

 












समय कठिन है

क्या कुंठा या क्या गिला
जो मिलना था वही मिला
मन को खुशियों से भर लो
समय कठिन है

किसने किसको क्या- क्या बोला
शब्द शब्द किसने है तोला
मन को अब तो पावन कर लो
समय कठिन है

जिन बन्धु की याद हो आती
उनको झट से लिख दो पाती
या फिर डायल नम्बर कर दो
समय कठिन है

यदि बाकी है इच्छित काम
आरम्भ करो कहकर के राम
बाँध लो अब दुआ के धागे
समय कठिन है

समझौते भी होते अच्छे
कर लेते हैं दिल के सच्चे
झूठे अहं की तोड़ो दीवार
समय कठिन है

कोविड की कैसी अनहोनी है
कौन साँस अंतिम होनी है
मन में रच लो मोहक संसार
समय कठिन है
@ऋता शेखर 'मधु'

1 टिप्पणी:

  1. मन को बीएस पवन कर लो
    सबको स्नेह से अपना लो ... समय कठिन है ... सुन्दर रचना ...

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