गूगल से साभार |
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई!!!
मैं भी चमकूँ
हम निवासी स्वाधीन देश के
उन्मुक्त विचरण करते हैं
वसुन्धरा के व्योम मंडल में
भास्कर में भारत को देखते हैं
निशा के घने अंधियारे में
नभ के चमकीले चन्द्र में
‘गाँधी’ का चेहरा चमकता है
सबसे प्रज्वलित ध्रुवतारे में
‘देशरत्न’ सा रतन दमकताहै
अगणित टिमटिम तारों में
बलिदानियों का
रक्तिम मुख भभकता है
रात के खिलते सितारों में
भगतसिंह आजाद मुसकते हैं
लक्ष्मीबाई वीरकुँअर के तारे
आकर्षित बहुत ही करते है
सप्तऋषि-मंडल के तारे
देशभक्त ही हैं सारे
बिस्मिल सुखदेव राजगुरू
नेहरू तिलक पटेल सुभाष
इनसे सजा भारत आकाश
सावरकर और खुदीराम
अम्बर में चमचम करते हैं|
एक अभिलाषा मेरी भी है
देश के लिए मर मिटूँ
जब भी मैं तारा बनूँ
इनके बीच ही मैं भी चमकूँ|
ऋता शेखर ‘मधु’
यह कविता रचनाकार पर १५ अगस्त २०११ को प्रकाशित हुई थी|
ऐसा लिखने के लिए वंदन है
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई!!!
प्रणाम!
एक अभिलाषा मेरी भी है
जवाब देंहटाएंदेश के लिए मर मिटूँ
जब भी मैं तारा बनूँ
इनके बीच ही मैं भी चमकूँ|
अनुपम अभिलाषा है आपकी.
काश! हर देशवासी की यही अभिलाषा हो.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपका इंतजार है.
सार्थक रचना है,गणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई!!!
जवाब देंहटाएंदेश प्रेम की आभा लिए .... उमंग भरा गीत ...अनुपम अभिलाषा ...
जवाब देंहटाएंएक अभिलाषा मेरी भी है
जवाब देंहटाएंदेश के लिए मर मिटूँ
जब भी मैं तारा बनूँ
इनके बीच ही मैं भी चमकूँ|...अच्छी पंक्तियाँ
देश के प्रति सार्थक भावपूर्ण सुंदर रचना
देशप्रेम से सराबोर सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएंऐसी अभिलाषा सबमें जागृत हो।
सुन्दर अभिलाषा....सार्थक रचना..
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ
गणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंनेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उनको शत शत नमन!
BAHUT HI SUNDAR .....SHRSHTH ABHILASHAYE ......BAHUT BAHUT ABHAR
जवाब देंहटाएंवाह गणतंत्र दिवस पे इतनी खूबसूरत कविता..
जवाब देंहटाएंमुझे बहुत पसंद आई....
बाकी गणतंत्र दिवस की बधाई उसी दिन दूँगा, आप उस दिन एक और नयी कविता को पोस्ट करें :)
अभि जी,गणतंत्र दिवस पर मेरी नई पोस्ट मेरे दूसरे ब्लॉग हिन्दी हाइगा पर देखें और अपनी राय देकर अनुग्रहित करें|
जवाब देंहटाएंएक अभिलाषा मेरी भी है
जवाब देंहटाएंदेश के लिए मर मिटूँ
जब भी मैं तारा बनूँ
इनके बीच ही मैं भी चमकूँ|
bahut hi sundar bhav ....gantantr diwas pr hardik badhai
एक अभिलाषा मेरी भी है
जवाब देंहटाएंदेश के लिए मर मिटूँ
जब भी मैं तारा बनूँ
इनके बीच ही मैं भी चमकूँ|
हर भारतवासी की यही अभिलाषा हो