शरद की पूनम है आज
चन्द्र-आभा को हो रहा नाज
ओ कायनात, मुस्कुरा भी दो
दूर हुआ है धरा का दाज(अंधकार)
शबनमी मोतियाँ गिरने लगीं
गुलाबी ठंढ का है आगाज
चाँद ने चुपके से छेड़ा
मध्यम सुर में मधुर साज
चाँदनी फलक पे थिरक उठी
सबने जाना दिल का राज
अधरों पे स्मित सजा के लाया
सनम जो अब तक था नाराज
दुधिया उजालों की चमक में
सितारे भी बने आतिशबाज
झिंगुरों को यह क्या हुआ
वे भी बन रहे चुहलबाज
रौशनी चाँद की ज्योंही पड़ी
ताज का बदल गया अंदाज
किरणों की बारिश समेट
खीर-अमृत ने दी आवाज
जीवन में मिठास बनी रहे
खुश रहें सबके मिजाज|
ऋता शेखर 'मधु'
Enjoy Sharad Purnima…
अमृत की बूंदों सी कामना
जवाब देंहटाएंउम्दा भाव सुन्दर रचना....गहरी अभियक्ति
जवाब देंहटाएंअधरों पे स्मित सजा के लाया
सनम जो अब तक था नाराज
इतनी सुन्दर है न पूनम की ये रात.....
जवाब देंहटाएंसच कहूँ...
आपने याद दिलाया तो हमें याद आया :-)
सस्नेह
अनु
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंआप लिखती रहें हम पढ़ते रहेंगे!
bahot sunder.....
जवाब देंहटाएंआप की रचनाएँ मन छूती हैं
जवाब देंहटाएंMake Blog Index Like A Book
पूनम की रात का
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर वर्णन....
अति सुन्दर रचना...
:-)
जीवन में मिठास बनी रहे
जवाब देंहटाएंखुश रहें सबके मिजाज|...बहुत सुन्दर भाव..पूनम की रात सा खुशनुमा अंदाज़..
शरद पूनम की इस रात में किरणें हैं, उजाला है, चाँदनी है और रात की नीरवता के साथी झिंगुर भी हैं। बड़ा खूबसूरत चित्र खींचा है आपने पूनम की रात का। कविता में ग़ज़ब की चित्रात्मकता है। मेरी बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव ...... बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंरौशनी चाँद की ज्योंही पड़ी
जवाब देंहटाएंताज का बदल गया अंदाज,,,,,बहुत खूब सुंदर प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST LINK...: खता,,,
sharat poornima ki badhayi.
जवाब देंहटाएंkheer se yaad aaya aaj to kheer banNi hi chaahiye..:-)
सनम जो अब तक था नाराज
जवाब देंहटाएंदुधिया उजालों की चमक में
सितारे भी बने आतिशबाज...
खूबसूरत कल्पना की उड़ान ....आनंद दायी
भ्रमर ५
bahut khoob "चाँदनी फलक पे थिरक उठी
जवाब देंहटाएंसबने जाना दिल का राज
अधरों पे स्मित सजा के लाया
सनम जो अब तक था नाराज"
उत्तम काव्य-कृति..
जवाब देंहटाएंशब्द-शब्द में अमृत उतर आया हो जैसे .. क्या बात है
जवाब देंहटाएंसशक्त लेखन
आभार
बहुत सुन्दरता से बयाँ किया है पूनम की चांदनी को ..
जवाब देंहटाएंसादर
मधुरेश